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    Ganga Saptami 2025: गंगा सप्तमी कब है? अभी जान लें सही डेट एवं शुभ मुहूर्त

    By Pravin KumarEdited By: Pravin Kumar
    Updated: Sun, 23 Mar 2025 03:14 PM (IST)

    सनातन शास्त्रों में निहित है कि राजा भगीरथ के पूर्वजों को मोक्ष दिलाने हेतु मां गंगा धरती पर अवतरित हुई थीं। गंगा नदी में स्नान-ध्यान करने से साधक पर न केवल मां गंगा की कृपा बरसती है बल्कि सभी प्रकार के पापों से मुक्ति मिलती है। साधक श्रद्धा भाव से वैशाख माह के शुक्ल पक्ष की सप्तमी (Ganga Saptami 2025) तिथि पर मां गंगा की पूजा एवं साधना करते हैं।

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    Ganga Saptami 2025: गंगा सप्तमी का धार्मिक महत्व

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। सनातन धर्म में गंगा सप्तमी का खास महत्व है। यह पर्व हर साल वैशाख माह के शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि को मनाया जाता है। इस शुभ अवसर पर बड़ी संख्या में साधक गंगा समेत पवित्र नदियों में स्नान-ध्यान कर परम पुण्यदायिनी मां गंगा की पूजा करते हैं। सनातन शास्त्रों में निहित है कि वैशाख माह के शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि पर गंगा स्नान करने से साधक द्वारा जाने-अनजाने में किए गए पाप नष्ट हो जाते हैं। साथ ही आरोग्य जीवन का वरदान मिलता है। आइए, गंगा सप्तमी (Ganga Saptami 2025 Date) की तिथि, शुभ मुहूर्त एवं महत्व जानते हैं-

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    गंगा सप्तमी शुभ मुहूर्त (Ganga Saptami Shubh Muhurat)

    पंचांग के अनुसार, वैशाख माह के शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि 03 मई को सुबह 07 बजकर 51 मिनट पर शुरू होगी और अगले दिन यानी 04 मई को सुबह 04 बजकर 18 मिनट पर समाप्त होगी। सनातन धर्म में उदया तिथि मान होने के चलते 03 मई को गंगा सप्तमी मनाई जाएगी। इस दिन गंगा स्नान हेतु मुहूर्त सुबह 10 बजकर 58 मिनट से लेकर दोपहर 01 बजकर 38 मिनट तक है।

    गंगा सप्तमी शुभ योग (Ganga Saptami Shubh Yoga)

    वैशाख माह के शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि यानी 03 मई को दुर्लभ त्रिपुष्कर योग का संयोग बन रहा है। इसके साथ ही रवि योग और शिववास योग का संयोग बन रहा है। इन योग में गंगा स्नान कर मां गंगा और देवों के देव महादेव की पूजा करने से साधक को पृथ्वी लोक पर स्वर्ग समान सुखों की प्राप्ति होगी। इसके अलावा, पुनर्वसु और पुष्य नक्षत्र का भी संयोग है।

    पंचांग

    • सूर्योदय - सुबह 05 बजकर 39 मिनट पर
    • सूर्यास्त - शाम 06 बजकर 58 मिनट पर
    • चन्द्रोदय- सुबह 10 बजकर 34 मिनट पर
    • चंद्रास्त- देर रात 12 बजकर 58 मिनट पर
    • ब्रह्म मुहूर्त - सुबह 04 बजकर 13 मिनट से 04 बजकर 56 मिनट तक
    • विजय मुहूर्त - दोपहर 02 बजकर 31 मिनट से 03 बजकर 25 मिनट तक
    • गोधूलि मुहूर्त - शाम 06 बजकर 56 मिनट से 07 बजकर 18 मिनट तक
    • निशिता मुहूर्त - रात्रि 11 बजकर 56 मिनट से 12 बजकर 34 मिनट तक

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    अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।