Vaikuntha Ekadashi 2025: वैकुंठ एकादशी पर करने जरूरी हैं ये कार्य, खुल जाएंगे स्वर्ग के द्वार
वैकुंठ एकादशी का दिन बहुत ही शुभ माना जाता है। इस दिन भक्त भगवान विष्णु और श्रीकृष्ण की पूजा करते हैं। ऐसा माना जाता है कि इस तिथि पर व्रत रखने से घर में सुख-शांति आती है। वहीं इस दिन (Vaikuntha Ekadashi 2025 Rules) पूजा-पाठ के साथ कुछ जरूरी नियमों का पालन भी जरूर करना चाहिए जो इस प्रकार हैं।

धर्म डेस्क, नई दिल्ली। वैकुंठ एकादशी सभी एकादशी में सबसे महत्वपूर्ण मानी जाती है। इस दिन पर भक्त भगवान विष्णु की पूजा करते हैं और व्रत रखते हैं। कहते हैं कि जो लोग इस पवित्र दिन पर कठिन उपवास रखते हैं और सभी पूजन नियमों का पालन करते हैं, भगवान विष्णु उनके लिए वैकुंठ के द्वार खोलते हैं। साथ ही उनके सभी पाप समाप्त हो जाते हैं। पंचांग के अनुसार, इस साल वैकुंठ एकादशी आज यानी 10 जनवरी, 2025 को मनाई जा रही है, तो आइए इस दिन से जुड़ी प्रमुख बातों को जानते हैं, जो इस प्रकार हैं।
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वैकुंठ एकादशी पर करें ये काम (Importance Rules Of Vaikuntha Ekadashi)
उपवास - वैकुंठ एकादशी का व्रत पर सात्विकता का पालन जरूर करना चाहिए। साथ ही कुछ भी ऐसा नहीं खाना चाहिए, जिसमें तामसिक चीजों का उपयोग किया गया हो। इसके अलावा यह व्रत द्वादशी तिथि पर ही व्रत तोड़ना चाहिए।
पूजा-पाठ - व्रती को इस दिन सुबह उठकर पवित्र स्नान करके विधिवत पूजा करनी चाहिए। साथ व्रत कथा का पाठ भी जरूर करना चाहिए।
मंत्र जाप - वैकुंठ एकादशी के दिन भगवान विष्णु के वैदिक मंत्रों के जाप का बहुत महत्व है। ऐसे में इस दिन श्री हरि के नामों का जाप जरूर करें।
मंदिर जाएं - भक्तों को इस पवित्र दिन पर भगवान विष्णु के मंदिर जाना चाहिए और पूजा-अर्चना के साथ गरीबों को भोजन, गर्म कपड़े और धन का दान करना चाहिए। इससे सुख-शांति की प्राप्ति होती है।
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वैकुंठ एकादशी शुभ योग ( Vaikuntha Ekadashi 2025 Shubh Yog)
हिंदू पंचांग के अनुसार, इस दिन शिववास योग 10 बजकर 19 मिनट से शुरू होगा और पूरे दिन रहेगा। इसके साथ ही शुभ योग प्रात: से दोपहर 02 बजकर 37 मिनट तक रहेगा। गोधूलि मुहूर्त शाम 05 बजकर 40 मिनट से 06 बजकर 07 मिनट तक रहेगा। वहीं, अभिजीत मुहूर्त दोपहर 12 बजकर 08 मिनट से दोपहर 12 बजकर 48 मिनट तक रहेगा।
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अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।

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