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    Marriage Mantra: शीघ्र विवाह के लिए कुंवारी लड़कियां करें इन मंत्रों का जप, मिलेगा मनचाहा वर

    By Pravin KumarEdited By: Pravin Kumar
    Updated: Wed, 01 May 2024 05:59 PM (IST)

    ज्योतिषियों की मानें तो कुंडली में गुरु और शुक्र ग्रह के कमजोर होने पर शादी में बाधा आती है। कुंडली में दोष लगने पर निवारण अनिवार्य होता है। अगर आपकी ...और पढ़ें

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    Marriage Mantra: शीघ्र विवाह के लिए कुंवारी लड़कियां करें इन मंत्रों का जप, मिलेगा मनचाहा वर

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। Marriage Mantra: सनातन धर्म में गुरुवार के दिन जगत के पालनहार भगवान विष्णु की पूजा की जाती है। साथ ही मनचाहा वर पाने हेतु गुरुवार का व्रत रखा जाता है। इस व्रत के पुण्य-प्रताप से विवाहित महिलाओं को सुख और सौभाग्य की प्राप्ति होती है। वहीं, अविवहित लड़कियों की शीघ्र शादी के योग बनते हैं। ज्योतिषियों की मानें तो कुंडली में गुरु और शुक्र ग्रह के कमजोर होने पर शादी में बाधा आती है। इसके अलावा, कुंडली में अन्य ग्रहों का भी विचार किया जाता है। कुंडली में दोष लगने पर निवारण अनिवार्य होता है। अगर आपकी शादी में भी किसी न किसी वजह से बाधा आ रही है या शादी तय होने के बाद टूट जा रही है, तो गुरुवार के दिन विधि-विधान से भगवान विष्णु की पूजा करें। साथ ही पूजा के समय इन मंत्रों का जप करें। इन मंत्रों के जप से शीघ्र विवाह के योग बनने लगते हैं।

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    शीघ्र विवाह के मंत्र

    1. ॐ देवेन्द्राणि नमस्तुभ्यं देवेन्द्रप्रिय भामिनि।

    विवाहं भाग्यमारोग्यं शीघ्रलाभं च देहि मे ॥

    2. ॐ शं शंकराय सकल जन्मार्जित पाप विध्वंस नाय पुरुषार्थ

    चतुस्टय लाभाय च पतिं मे देहि कुरु-कुरु स्वाहा ।।

    3. हे गौरी शंकरार्धांगि । यथा त्वं शंकरप्रिया ।|

    तथा माँ कुरु कल्याणि । कान्त कांता सुदुर्लभाम्।।

    4. ॐ कात्यायनि महामाये महायोगिन्यधीस्वरि ।

    नन्दगोपसुतं देवि पतिं मे कुरु ते नमः ।।

    5. मङ्गलम् भगवान विष्णुः, मङ्गलम् गरुणध्वजः।

    मङ्गलम् पुण्डरी काक्षः, मङ्गलाय तनो हरिः॥

    6. शांताकारम भुजङ्गशयनम पद्मनाभं सुरेशम।

    विश्वाधारं गगनसद्र्श्यं मेघवर्णम शुभांगम।

    लक्ष्मी कान्तं कमल नयनम योगिभिर्ध्यान नग्म्य्म।

    वन्दे विष्णुम भवभयहरं सर्व लोकेकनाथम।

    7. क्लीं कृष्णाय गोविंदाय गोपीजनवल्लभाय स्वाहा

    8.ॐ सृष्टिकर्ता मम विवाह कुरु कुरु स्वाहा

    9. ॐ श्रीं वर प्रदाय श्री नमः

    10. ॐ बृं बृहस्पतये नम:

    ॐ क्लीं बृहस्पतये नम:

    ॐ ग्रां ग्रीं ग्रौं स: गुरवे नम:

    ॐ ऐं श्रीं बृहस्पतये नम:

    ॐ गुं गुरवे नम:

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    डिसक्लेमर- इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/जयोतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेंगी।