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    Sawan 2025: कितने तरह के होते हैं शिवलिंग, क्या है उनका महत्व… जानते हैं आप

    Updated: Wed, 09 Jul 2025 09:08 AM (IST)

    सावन के महीने में भक्त भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए पूजा-पाठ करते हैं। स्वयंभू शिवलिंग जो स्वयं प्रकट हुए हैं विशेष रूप से पवित्र माने जाते हैं। मिट्टी से बने पार्थिव शिवलिंग मनोकामनाओं की पूर्ति करते हैं जबकि पारे से बने पारद शिवलिंग सिद्धियों और मोक्ष के लिए पूजे जाते हैं।

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    Sawan 2025: स्फटिक शिवलिंग मानसिक शांति और एकाग्रता प्रदान करते हैं।

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। सावन का महीना 11 जुलाई से शुरू हो रहा है। भोलेनाथ के भक्त अपने आराध्य को प्रसन्न करने के लिए इस पूरे महीने में पूजा-पाठ और अभिषेक करेंगे।

    इस मौके पर आइए जानते हैं कितने तरह के होते हैं शिवलिंग, किन चीजों से उनका निर्माण होता है और क्या है उनका महत्व। 

    स्वयंभू शिवलिंग

    देश में 12 ज्योतिर्लिंग हैं, जो ज्योति के रूप में स्वयं प्रकट हुए थे। प्राकृतिक रूप से प्रकट होने की वजह से इन शिवलिंगों का विशेष महत्व होता है। इन स्वयंभू शिवलिंगों को अत्यंत पवित्र माना जाता है और इनके दर्शन से ही पुण्य मिलता है। 

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    पारद शिवलिंग

    पारे को ठोस करके जो शिवलिंग बनाए जाते हैं, उन्हें पारद शिवलिंग कहा जाता है। शिव पुराण में इसकी महिमा का वर्णन किया गया है। सिद्धियों और मोक्ष की प्राप्ति के लिए इसकी पूजा करने का विधान है क्योंकि ये बहुत शक्तिशाली होते हैं। पारद शिवलिंग सकारात्मक ऊर्जा बढ़ाने के साथ ही भौतिक सुख भी देते हैं। 

    स्फटिक शिवलिंग

    सभी इच्छाओं को पूरा करने में सक्षम स्फटिक के शिवलिंग सकारात्मक ऊर्जा फैलाते हैं। खासतौर पर ध्यान और एकाग्रता के लिए इनकी पूजा की जाती है। इससे मानसिक शांति मिलती है और भावनात्मक संतुलन बना रहता है। 

    पार्थिव शिवलिंग

    मिट्टी से बनाए गए शिवलिंग को पार्थिव शिवलिंग कहते हैं। मनोकामनाओं की पूर्ति के लिए पार्थिव शिवलिंग का निर्माम किया जाता है। इन शिवलिंगों का निर्माण विशेषरूप से सावन में पूजा करने के लिए और रुद्राभिषेक के लिए किया जाता है।

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    नर्मदेश्वर शिवलिंग

    नर्मदा नदी से ये शिवलिंग मिलते हैं, इसी वजह से इन्हें नर्मदेश्वर शिवलिंग कहा जाता है। इनकी पूजा के लिए कोई विशेष विधान करने की जरूरत नहीं होती है और पवित्रता व शक्ति में ये स्वयंभू शिवलिंग की तरह ही होते हैं। 

    धातु निर्मित शिवलिंग

    मोक्ष और ज्ञान प्राप्त करने के लिए विशेष प्रकार की धातुओं जैसे सोना, चांदी, पीतल, तांबा, अष्टधातु आदि से इनका निर्माण किया जाता है। 

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    अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।

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