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    Tulsi Pujan Divas 2024: इस दिन मनाया जाएगा तुलसी पूजन दिवस, नोट करें नियम और शुभ मुहूर्त

    Updated: Fri, 20 Dec 2024 03:57 PM (IST)

    सनातन धर्म में तुलसी पूजन दिवस का बहुत बड़ा धार्मिक महत्व है। यह दिन पूरी तरह से देवी तुलसी (Tulsi Pujan) को समर्पित है। कहते हैं कि इस दिन पूजा-अर्चना करने से अखंड सौभाग्य की प्राप्ति होती है। साथ ही घर में सुख और समृद्धि का आगमन होता है। यह पर्व हर साल 25 दिसंबर को ही मनाया जाता है।

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    Saphala Ekadashi 2024: मां तुलसी की पूजा विधि।

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। हिंदू धर्म में पूजन दिवस का विशेष महत्व है। इस दिन भक्त तुलसी माता की पूजा करते हैं और उनके लिए व्रत रखते हैं। हिंदू पंचांग के अनुसार, तुलसी पूजन दिवस हर साल 25 दिसंबर को मनाया जाता है। माना जाता हैं कि तुलसी के पौधे में देवी लक्ष्मी का वास होता है और उनकी पूजा से भगवान श्री हरि विष्णु के साथ माता लक्ष्मी का आशीर्वाद मिलता है। अगर आप सुख-शांति की कामना करते हैं, तो आपको मां तुलसी की उपासना जरूर करनी चाहिए, तो आइए इस दिन (Tulsi Pujan Divas 2024 Shubh Muhurat) से जुड़ी महत्वपूर्ण बातों को जानते हैं।

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    कब है तुलसी पूजन दिवस 2024? (Tulsi Pujan Divas Kab Hai?)

    हिंदू पंचांग के अनुसार, तुलसी पूजन दिवस हर साल 25 दिसंबर को मनाया जाता है। इस साल पौष मास के कृष्ण पक्ष की दशमी तिथि 24 दिसंबर, दिन मंगलवार को शाम 7 बजकर 52 मिनट पर शुरू होगी। वहीं, इस तिथि का (Tulsi Pujan Divas Shubh Muhurat) समापन 25 दिसंबर, दिन बुधवार को रात 10 बजकर 29 मिनट पर होगा। पंचांग के आधार पर तुलसी पूजन दिवस 25 दिसंबर को ही मनाया जाएगा।

    मां तुलसी की पूजा विधि (Tulsi Vivah 2024 Puja Vidhi)

    सबसे पहले भक्त ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान करें। फिर लाल रंग के वस्त्र धारण करें। फिर मंदिर की अच्छी तरह से सफाई करें। अपने घरों और मंदिरों को रंगोली व फूलों से सजाएं। तुलसी के पौधे में जल अर्पित करें। कुमकुम लगाएं। तुलसी जी का 16 शृंगार करें। उन्हें फूल, माला, फल, पंचामृत धूप, दीप, लाल चुनरी, शृंगार की सामग्री और मिठाई आदि चीजें अर्पित करें।

    वैदिक मंत्रों का जाप करें। आरती से पूजा का समापन करें। पूजा में हुई गलती के लिए माफी मांगे। फिर प्रसाद का वितरण घर के सदस्यों व अन्य लोगों में करें। बड़े-बुजुर्ग का आशीर्वाद लें और जरूरतमंदों की मदद करें। जो लोग व्रत कर रहे हैं, वे सात्विक भोजन से ही व्रत खोलें। इस दिन सभी प्रकार की तामसिक चीजों से परहेज करें।

    देवी तुलसी पूजन मंत्र ( Devi Tulsi Puja Mantra)

    1. देवी त्वं निर्मिता पूर्वमर्चितासि मुनीश्वरैः,

    नमो नमस्ते तुलसी पापं हर हरिप्रिये।।

    2. महाप्रसाद जननी सर्व सौभाग्यवर्धिनी,

    आधि व्याधि हरा नित्यं तुलसी त्वं नमोस्तुते।।

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    अस्वीकरण: ''इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है''।