Grah Kalesh ke Upay: घर में हरदम बना रहता है क्लेश, तो ये उपाय आ सकते हैं आपके काम
घर में कभी-कभी झगड़ों का होना आम बात है लेकिन लगातार हो रहे लड़ाई-झगड़े परेशानी का सबब बन रकते हैं। ऐसे में आप इससे मुक्ति के लिए ज्योतिष शास्त्र (Grah Kalesh Astro Remedies) में बताए गए कुछ उपाय आजमा सकते हैं। इन उपायों को करने से आपके जीवन में सुख-समृद्धि का वास बना रहेगा। तो चलिए जानते हैं ऐसे ही कुछ उपाय।
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। जीवन में खुश रहने के लिए घर-परिवार में सुख-शांति का होना बेहद जरूरी है। ऐसे में यदि आप गृह-क्लेश (Grah Kalesh ke Upay) की स्थिति का सामना कर रहे हैं, तो इसके लिए आप रोजाना कुछ आसान उपाय कर सकते हैं। ऐसे में गृह क्लेश की समस्या से मुक्ति पाने के लिए ये उपाय किए जा सकते हैं।
घर में रोजाना करें ये काम
घर में नियमित रूप से गंगाजल का छिड़काव करना चाहिए। इसके साथ ही घर की पूर्व दिशा में घी में कपूर डालकर जलाएं। कई बार लड़ाई-झगड़ों का कारण घर में मौजूद नेगेटिव एनर्जी भी हो सकती है। ऐसे में रोजाना (गुरुवार को छोड़कर) पानी में नमक डालकर पोछा लगाने से आपको गृह क्लेश की स्थिति से राहत मिल सकती है।
करें इन मंत्रों का जप
घर में रोज-रोज होने वाले लड़ाई-झगड़े से मुक्ति पाने के लिए आपको पूजा के दौरान शिव-पार्वती जी के समक्ष घी का दीपक जलाना चाहिए और शिव चालीसा का पाठ करना चाहिए। इसी के साथ रोजाना गायत्री मंत्र या महामृत्युंजय मंत्र का जाप करना लाभकारी होगा। साथ ही आप अपने घर में मातंगी यंत्र स्थापित करें और रोजाना इस मंत्र का जप करें, जिससे घर में सुख-शांति का वास बना रहता है -
ऊं ह्रीं क्लीं हूं मातंग्यै फट् स्वाहा
(Picture Credit: Freepik) (AI Image)
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बना रहेगा सुख-शांति का वास
शुक्रवार के दिन रात को सोते समय पति के सिरहाने के पास थोड़ा-सा सिंदूर रख दें और खुद के सिरहाने के पास एक कपूर रख लें। अगले दिन सिंदूर को घर के किसी कोने में गिरा दें और कपूर को जला दें। इस उपाय को करने से आपके जीवन में आ रही परेशानियां दूर हो सकती हैं और जीवन में सुख-शांति का वास बना रहता है।
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अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।
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