शुक्रवार को तिजोरी में रख दें इनमें से कोई एक चीज, दिन दूनी रात चौगुनी बढ़ेगी धन-संपत्ति
धन की देवी मां लक्ष्मी की महिमा अपरंपार है। अपने भक्तों पर विशेष कृपा बरसाती हैं। उनकी कृपा से साधक को सभी प्रकार के सुखों की प्राप्ति होती है। साथ ही जीवन में व्याप्त दुखों से भी मुक्ति मिलती है। शुक्रवार के दिन (Shukrawar ke upay) लक्ष्मी वैभव व्रत भी रखा जाता है। यह व्रत पुरुष और महिला दोनों रख सकते हैं।
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। शुक्रवार का दिन जगत की देवी मां दुर्गा को समर्पित है। इस शुभ अवसर पर मां दुर्गा और उनके विभिन्न रूपों की पूजा की जाती है। साधक श्रद्धा भाव से शुक्रवार के दिन धन की देवी मां लक्ष्मी की पूजा करते हैं। साथ ही लक्ष्मी वैभव का व्रत रखा जाता है। इस व्रत को करने से साधक की न केवल हर मनोकामना पूरी होती है, बल्कि घर में सुख, समृद्धि एवं खुशहाली आती है। शुक्रवार के दिन विशेष उपाय करने का भी विधान है। इन उपायों को करने से धन की समस्या दूर हो जाती है। साथ ही आय और सौभाग्य में भी वृद्धि होती है। अगर आप भी धन की समस्या से निजात पाना चाहते हैं, तो शुक्रवार के दिन भक्ति भाव से मां लक्ष्मी की पूजा करें। वहीं, पूजा के समय मां लक्ष्मी को ये चीजें अवश्य ही अर्पित करें। वहीं, पूजा के बाद इनमें से किसी एक चीज को तिजोरी में रख दें। इस उपाय को करने से धन में वृद्धि होने लगती है।
यह भी पढ़ें: शुक्रवार के दिन इस आसान विधि से करें मां लक्ष्मी की पूजा, धन से भर जाएगी खाली तिजोरी
उपाय
- अगर आप मां लक्ष्मी को प्रसन्न करना चाहते हैं, तो शुक्रवार के दिन पूजा के समय धन की देवी को नारियल अवश्य ही अर्पित करें। मां लक्ष्मी को नारियल प्रिय है। आप एकाक्षी नारियल अर्पित कर सकते हैं। पूजा के बाद लाल रंग के कपड़े में नारियल को बांधकर तिजोरी में रख दें।
- मां लक्ष्मी की कृपा पाना चाहते हैं, तो शुक्रवार के दिन पूजा के समय सात कौड़ी जगत की देवी को अर्पित करें। इस समय लक्ष्मी मंत्र का पाठ करें। वहीं, पूजा के बाद कौड़ी को तिजोरी में रख दें। इस उपाय को करने से भी धन में वृद्धि होती है।
- जगत के पालनहार भगवान विष्णु को तुलसी प्रिय है। तुलसी धन की देवी मां लक्ष्मी की अंश हैं। अतः तुलसी माता की पूजा करने से भगवान विष्णु प्रसन्न होते हैं। उनकी कृपा साधक पर बरसती है। इसके लिए शुक्रवार के दिन लक्ष्मी नारायण जी को तुलसी की मंजरी अवश्य ही अर्पित करें। वहीं, पूजा के बाद तुलसी की मंजरी को लाल वस्त्र में बांधकर तिजोरी में रख दें। इस उपाय को करने से आर्थिक विषमता दूर होती है। साथ ही पूजा के समय धनदा लक्ष्मी स्तोत्र का पाठ करें।
धनदा लक्ष्मी स्तोत्र (Dhanadalakshmi Stotram)
देवी देवमुपागम्य नीलकण्ठं मम प्रियम्।
कृपया पार्वती प्राह शंकरं करुणाकरम्॥1॥
ब्रूहि वल्लभ साधूनां दरिद्राणां कुटुम्बिनाम्।
दरिद्र दलनोपायमंजसैव धनप्रदम्॥
॥ शिव उवाच ॥
पूजयन् पार्वतीवाक्यमिदमाह महेश्वरः।
उचितं जगदम्बासि तव भूतानुकम्पया॥
स सीतं सानुजं रामं सांजनेयं सहानुगम्।
प्रणम्य परमानन्दं वक्ष्येऽहं स्तोत्रमुत्तमम्॥
धनदं श्रद्धानानां सद्यः सुलभकारकम्।
योगक्षेमकरं सत्यं सत्यमेव वचो मम॥
पठंतः पाठयंतोऽपि ब्रह्मणैरास्तिकोत्तमैः।
धनलाभो भवेदाशु नाशमेति दरिद्रता॥
भूभवांशभवां भूत्यै भक्तिकल्पलतां शुभाम्।
प्रार्थयत्तां यथाकामं कामधेनुस्वरूपिणीम्॥
धनदे धनदे देवि दानशीले दयाकरे।
त्वं प्रसीद महेशानि! यदर्थं प्रार्थयाम्यहम्॥
धराऽमरप्रिये पुण्ये धन्ये धनदपूजिते।
सुधनं र्धामिके देहि यजमानाय सत्वरम्॥
रम्ये रुद्रप्रिये रूपे रामरूपे रतिप्रिये।
शिखीसखमनोमूर्त्ते प्रसीद प्रणते मयि॥
आरक्त-चरणाम्भोजे सिद्धि-सर्वार्थदायिके।
दिव्याम्बरधरे दिव्ये दिव्यमाल्यानुशोभिते॥
समस्तगुणसम्पन्ने सर्वलक्षणलक्षिते।
शरच्चन्द्रमुखे नीले नील नीरज लोचने॥
चंचरीक चमू चारु श्रीहार कुटिलालके।
मत्ते भगवती मातः कलकण्ठरवामृते॥
हासाऽवलोकनैर्दिव्यैर्भक्तचिन्तापहारिके।
रूप लावण्य तारूण्य कारूण्य गुणभाजने॥
क्वणत्कंकणमंजीरे लसल्लीलाकराम्बुजे।
रुद्रप्रकाशिते तत्त्वे धर्माधरे धरालये॥
प्रयच्छ यजमानाय धनं धर्मेकसाधनम्।
मातस्त्वं मेऽविलम्बेन दिशस्व जगदम्बिके॥
कृपया करुरागारे प्रार्थितं कुरु मे शुभे।
वसुधे वसुधारूपे वसु वासव वन्दिते॥
धनदे यजमानाय वरदे वरदा भव।
ब्रह्मण्यैर्ब्राह्मणैः पूज्ये पार्वतीशिवशंकरे॥
स्तोत्रं दरिद्रताव्याधिशमनं सुधनप्रदम्।
श्रीकरे शंकरे श्रीदे प्रसीद मयिकिंकरे॥
पार्वतीशप्रसादेन सुरेश किंकरेरितम्।
श्रद्धया ये पठिष्यन्ति पाठयिष्यन्ति भक्तितः॥
सहस्रमयुतं लक्षं धनलाभो भवेद् ध्रुवम्
धनदाय नमस्तुभ्यं निधिपद्माधिपाय च।
भवन्तु त्वत्प्रसादान्मे धन-धान्यादिसम्पदः॥
यह भी पढ़ें: शुक्रवार के दिन पूजा के समय करें ये सरल उपाय, आर्थिक तंगी हो जाएगी दूर
अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।