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    Utpanna Ekadashi पर तुलसी में जल देते समय इन बातों का रखें ध्यान, घर में होगा मां लक्ष्मी का आगमन

    Updated: Sun, 24 Nov 2024 08:36 PM (IST)

    सनातन धर्म में तुलसी के पौधे को शुभ माना जाता है। इस पौधे को अधिकतर हिंदुओं के घर में देखने को मिलता है। धार्मिक मान्यता है कि रोजाना विधिपूर्वक तुलसी की पूजा-अर्चना करने से धन लाभ के योग बनते हैं। साथ ही आर्थिक तंगी से छुटकारा मिलता है लेकिन पूजा के दौरान तुलसी के नियम (Tulsi Puja) का पालन करना चाहिए।

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    Tulsi Puja: : तुलसी को जल देते समय इन बातों का रखें ध्यान

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। सनातन धर्म में तुलसी के पौधे को खास महत्व दिया गया है। इस पौधे में धन की देवी मां लक्ष्मी का वास माना गया है। साथ ही यह पौधा जगत के पालनहार भगवान विष्णु का प्रिय है। धार्मिक मान्यता है कि तुलसी के पौधे को घर में लगाने से सुख-समृद्धि का वास बना रहता है और जातक एवं उसके परिवार के सदस्यों को मां लक्ष्मी की कृपा प्राप्त होती है। साथ ही जीवन में शुभ परिणाम मिल सकते हैं। सनातन धर्म में तुलसी की रोज उपासना और जल देने का विधान है। इससे जातक के जीवन में खुशियों का आगमन होता है। ऐसे में आइए इस आर्टिकल में जानते हैं उत्पन्ना एकादशी के दिन तुलसी में (Tulsi Puja Ke Niyam) जल देने का सही नियम के बारे में।

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    इस नियम का करें पालन

    सुबह उठें और स्नान करने के बाद सूर्य देव को अर्घ्य दें। इसके बाद देवी-देवताओं की पूजा-अर्चना करें। दीपक जलाकर तुलसी की पूजा करें। आरती और मंत्रों का जप करें। तुलसी में जल अर्पित करने से पहले अन्न का सेवन न करें। तुलसी माता को जल अर्पित करते समय 'ॐ सुभद्राय नमः' करें। इस मंत्र का जप 11 या 21 बार तक कर सकते हैं।

    शास्त्रों के अनुसार, एकादशी के दिन तुलसी के पौधे को जल देने की मनाही है। मान्यता है कि इस तिथि पर मां तुलसी भगवान विष्णु के लिए निर्जला व्रत रखती हैं। ऐसे में पौधे में जल देने से उनका व्रत खंडित हो सकता है, जिसकी वजह से वह रुष्ट हो सकती हैं और जातक को जीवन में कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। इसके अलावा एकादशी तिथि तुलसी की पत्तियां भी तोड़ने से बचना चाहिए।

    यह भी पढ़ें: Tulsi Vivah पर करें तुलसी से जुड़े ये उपाय, आर्थिक तंगी होगी दूर, बरसेगी मां लक्ष्मी की कृपा

    तुलसी जी के मंत्र

    महाप्रसाद जननी सर्व सौभाग्यवर्धिनी, आधि व्याधि हरा नित्यं तुलसी त्वं नमोस्तुते।।

    मां तुलसी का पूजन मंत्र

    तुलसी श्रीर्महालक्ष्मीर्विद्याविद्या यशस्विनी।

    धर्म्या धर्मानना देवी देवीदेवमन: प्रिया।।

    लभते सुतरां भक्तिमन्ते विष्णुपदं लभेत्।

    तुलसी भूर्महालक्ष्मी: पद्मिनी श्रीर्हरप्रिया।।

    तुलसी माता का ध्यान मंत्र

    तुलसी श्रीर्महालक्ष्मीर्विद्याविद्या यशस्विनी।

    धर्म्या धर्मानना देवी देवीदेवमन: प्रिया।।

    लभते सुतरां भक्तिमन्ते विष्णुपदं लभेत्।

    तुलसी भूर्महालक्ष्मी: पद्मिनी श्रीर्हरप्रिया।।

    तुलसी स्तुति मंत्र

    देवी त्वं निर्मिता पूर्वमर्चितासि मुनीश्वरैः

    नमो नमस्ते तुलसी पापं हर हरिप्रिये।।

    तुलसी श्रीर्महालक्ष्मीर्विद्याविद्या यशस्विनी।

    धर्म्या धर्मानना देवी देवीदेवमन: प्रिया।।

    लभते सुतरां भक्तिमन्ते विष्णुपदं लभेत्।

    तुलसी भूर्महालक्ष्मी: पद्मिनी श्रीर्हरप्रिया।।

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    अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।