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    Tula Sankranti 2023: इस साल कब मनाई जाएगी तुला संक्रांति, जानिए इस दिन स्नान और दान का क्या है महत्व

    By Suman SainiEdited By: Suman Saini
    Updated: Tue, 10 Oct 2023 11:26 AM (IST)

    Tula Sankranti 2023 Date जब सूर्य देव तुला राशि में प्रवेश करते हैं तो इसे तुला संक्रांति कहा जाता है। यह संक्रांति विशेष तौर पर उड़ीसा और कर्नाटक में मनाई जाती है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इस दिन को बहुत ही महत्वपूर्ण माना गया है। साथ ही इस दिन पवित्र नदी में स्नान करने और जरूरतमंदों को अपनी क्षमता अनुसार दान करने का भी विशेष महत्व है।

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    Tula Sankranti 2023 जानिए तुला संक्रांति पर स्नान दान का क्या महत्व है।

    नई दिल्ली, अध्यात्म डेस्क। Tula Sankranti 2023: संक्रांति एक ऐसी घटना है जब सूर्य देव राशि चक्र में भ्रमण करते हुए एक राशि से दूसरी राशि में प्रवेश करते हैं। 12 राशियां होने के कारण एक सौर वर्ष में बारह संक्रांति होती हैं। जब सूर्य देव सूर्य कन्या राशि को छोड़कर जब तुला राशि में प्रवेश करते हैं तो उसे तुला संक्रांति कहा जाता है। ऐसे में आइए जानते हैं कि वर्ष 2023 में तुला संक्रांति कब मनाई जाएगी, साथ ही जानते हैं इस दिन स्नान, दान का क्या महत्व है।

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    तुला संक्रांति शुभ मुहूर्त (Tula Sankranti Shubh Muhurat)

    इस साल तुला संक्रांति आश्विन माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि यानी 18 अक्टूबर को मनाई जाएगी है। क्योंकि इसी दिन देर रात 01 बजकर 29 मिनट पर सूर्य देव कन्या राशि से निकलकर तुला राशि में प्रवेश करेंगे। इस दिन पुण्य काल प्रातः काल सुबह 06 बजकर 23 मिनट से लेकर दोपहर 12 बजकर 06 मिनट तक रहेगा। वहीं, इस दिन महा पुण्य काल सुबह 06 बजकर 23 मिनट से लेकर 08 बजकर 18 मिनट तक रहेगा।

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    तुला संक्रांति पर स्नान दान का महत्व (Tula Sankranti importance)

    सनातन धर्म में संक्रांति को दान, तपस्या और श्राद्ध अनुष्ठानों आदि करने के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण माना जाता है। संक्रांति के दौरान लोग जरूरतमंदों को दान देते हैं, पवित्र नदियों में स्नान करते हैं और पूर्वजों के लिए श्राद्ध करते हैं। इससे साधक को पुण्य फलों की प्राप्ति होती है।

    धार्मिक मान्यताओं के अनुसार संक्रांति तिथि पर पवित्र नदी में स्नान करने से व्यक्ति को जाने-अनजाने में किए गए पापों से मुक्ति मिलती है। वहीं, दूसरी ओर पूजा के बाद जरूरतमंदों को अपनी क्षमता अनुसार दान करने पर अक्षय फल की प्राप्ति होती है। इस वर्ष 18 अक्टूबर को तुला संक्रांति है।

    डिसक्लेमर: 'इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।'