2017 के आगमन के जश्न में एक सेकेंड की होगी देरी, जानिए क्यों
न्यू ईयर 2017 का स्वागत करने के लिए 1 सेकेंड ज्यादा करना होगा इंतजार। यह अतिरिक्त समय साल के आखिरी में 31 दिसंबर को 23 बजकर 59 मिनट और 59 सेकंड में जोड़ दिया जाएगा।
इस बार नए साल 2017 के आगमन के जश्न में एक सेकेंड की देरी होगी। ऐसा इसलिए होगा क्योंकि साल 2016 एक सेकेण्ड लंबा होगा। नववर्ष की पूर्व संध्या पर वैश्विक घड़ी में एक ‘लीप सेकेण्ड’ के जुड़ने के कारण ऐसा होगा।
वाशिंगटन डीसी के अमेरिकी नौ सेना वेधशाला के मास्टर क्लॉक फेसिलिटी में समन्वित वैश्विक समय (यूटीसी) के अनुसार 23 बजकर 59 मिनट और 59 सेकेण्ड पर अतिरिक्त सेकेण्ड जोड़ा जाएगा।
भारतीय मानक समय के अनुसार एक जनवरी को सुबह 05:29:59 पर यह इजाफा प्रभावी होगा।ऐतिहासिक रूप से समय पृथ्वी द्वारा खगोलीय पिंडों की परिक्रमा पर निर्भर करता था और इसी संदर्भ में सेकेण्ड को परिभाषित किया जाता था। एटॉमिक क्लॉक्स के आविष्कार के बाद हालांकि इससे जुड़े परिवर्तन हुए और अब सेकेण्ड पृथ्वी की परिक्रमा से अलग है।
नए साल 2017 का स्वागत करने में एक सेकंड की देरी होगी। अमेरिकी नौसेना वेधशाला ने बताया कि समन्वित वैश्विक समय (यूटीसी) के अनुसार, 23 बजकर 59 मिनट ओर 59 सेकंड पर अतिरिक्त 'लीप सेकंड' जोड़ा जाएगा।
वैसे तो साल 2016 लीप ईयर था यानी इस साल फरवरी 28 दिनों की जगह 29 दिनों की थी। यानी हर साल के मुकाबले आपको एक दिन का समय अधिक मिला था। मगर, इस साल आपको कुछ अधिक पलों की एक और सौगात मिल रही है। वैज्ञानिकों ने बताया कि इस साल के अंत में एक लीप सेकंड का समय और जुड़ जाएगा। कारण, धरती के घूर्णन की गति पहले से कुछ मंद हुई है।
कभी-कभार टाइमकीपर्स धरती के धूर्णन की गति को मिलाने के लिए समय में एक या दो सेकंड का समय अतिरिक्त बढ़ा देते हैं। यूएस नेवल ऑब्जरवेट्री के जिओफ चेस्टर ने बताया कि कई बार धरती को रोजाना अपना चक्कर पूरा करने में कुछ अधिक समय लगता है।
उन्होंने बताया कि चंद्रमा के कारण आने वाले ज्वार-भाटे और अन्य कारणों जैसे अल-नीनो के प्रभाव के कारण धरती को रोजाना एक चक्कर पूरा करने में कुछ अधिक समय लग जाता है। यह अतिरिक्त समय साल के आखिरी में 31 दिसंबर को 23 बजकर 59 मिनट और 59 सेकंड में जोड़ दिया जाएगा।
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