Mahalakshmi Vrat 2023: महालक्ष्मी व्रत पर 'सौभाग्य' योग समेत बन रहे हैं ये 3 संयोग, मिलेगा कई गुना लाभ
Mahalakshmi Vrat 2023 इस व्रत के पुण्य प्रताप से सुख और सौभाग्य में वृद्धि होती है। साथ ही आय में भी बढ़ोतरी होती है। ज्योतिषियों की मानें तो महालक्ष्मी व्रत पर दुर्लभ सौभाग्य योग समेत कई शुभ योग बन रहे हैं। इन शुभ योगों में धन की देवी मां लक्ष्मी की पूजा करने से साधक के आय सुख और सौभाग्य में अपार वृद्धि होती है।

नई दिल्ली, अध्यात्म। Mahalakshmi Vrat 2023: हर वर्ष भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि से लेकर अश्विन माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि तक महालक्ष्मी व्रत मनाया जाता है। इस वर्ष 22 सितंबर से लेकर 06 अक्टूबर तक महालक्ष्मी व्रत मनाया जाएगा। इस व्रत के दौरान धन की देवी मां लक्ष्मी की विधि विधान से पूजा-अर्चना की जाती है। साथ ही उनके निमित्त व्रत रखा जाता है। इस व्रत के पुण्य प्रताप से सुख और सौभाग्य में वृद्धि होती है। साथ ही आय में भी बढ़ोतरी होती है। ज्योतिषियों की मानें तो महालक्ष्मी व्रत पर दुर्लभ 'सौभाग्य' योग समेत कई शुभ योग बन रहे हैं। इन शुभ योगों में धन की देवी मां लक्ष्मी की पूजा करने से साधक के आय, सुख और सौभाग्य में अपार वृद्धि होती है। आइए, इन शुभ योगों के बारे में जानते हैं-
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शुभ मुहूर्त
पंचांग के अनुसार, भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि दोपहर 01 बजकर 35 पर शुरू होगी और अगले दिन यानी 23 सितंबर को दोपहर 12 बजकर 17 मिनट पर समाप्त होगी। साधक सुविधा अनुसार समय पर धन की देवी मां लक्ष्मी की पूजा-उपासना कर सकते हैं।
शुभ योग
ज्योतिषियों की मानें तो महालक्ष्मी व्रत पर दुर्लभ आयुष्मान योग का निर्माण हो रहा है। आयुष्मान योग देर रात 11 बजकर 53 मिनट तक है। इस योग में मां लक्ष्मी की पूजा-उपासना करने से साधक को अक्षय फल की प्राप्ति होती है। साथ ही मां लक्ष्मी का आशीर्वाद प्राप्त होता है। इस योग में सभी प्रकार के शुभ कार्य कर सकते हैं।
महालक्ष्मी व्रत पर सौभाग्य योग का भी निर्माण हो रहा है। सौभाग्य योग का निर्माण देर रात 22 सितंबर को देर रात 11 बजकर 53 से लेकर 23 सितंबर को रात 09 बजकर 31 मिनट तक है। ज्योतिष सौभाग्य योग को शुभ मानते हैं। इस योग में सभी शुभ कार्य करने की अनुमति है। आसान शब्दों में कहें तो महालक्ष्मी व्रत के दूसरे दिन भी शुभ काम कर सकते हैं। साथ ही दूसरे दिन भी धन की देवी मां लक्ष्मी की पूजा करने से सुख और सौभाग्य में वृद्धि होगी।
अभिजीत मुहूर्त
महालक्ष्मी व्रत के प्रथम दिन अभिजीत मुहूर्त दिन में 11 बजकर 49 मिनट से लेकर दोपहर 12 बजकर 38 मिनट तक है। इस दौरान शुभ काम कर सकते हैं।
नक्षत्र योग
महालक्ष्मी व्रत के दिन उदया तिथि से लेकर दोपहर 03 बजकर 34 मिनट तक ज्येष्ठा नक्षत्र है। यह नक्षत्र शुभ कार्यों के लिए उत्तम माना जाता है। इस नक्षत्र में मां लक्ष्मी की उपासना करने से सकल मनोरथ सिद्ध हो जाते हैं। इसके पश्चात, मूल नक्षत्र है। ज्योतिष मूल नक्षत्र में भी शुभ काम करने की सलाह देते हैं।
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