What Is Kalima: क्या है कलमा? पहलगाम में जिसकी आयत पढ़कर लोगों की बची थी जान
What Is Kalima जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में मंगलवार 22 अप्रैल को हुए आतंकी हमले ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया। इस वीभत्स हत्याकांड में आतंकियों ने 26 निर्दोष पर्यटकों की गोली मारकर हत्या कर दी गई। इस दौरान बचे हुए लोगों ने बताया कि कलमा पढ़ने से उनकी जान बच गई थी।

धर्म डेस्क, नई दिल्ली। What Is Kalima: जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को 5 आतंकियों ने धर्म पूछकर 26 लोगों की नृशंस हत्या कर दी थी। हमले को तीन पाकिस्तानी और दो कश्मीरी ने मिलकर अंजाम दिया था। करीब 10 मिनट तक अंधाधुंध फायरिंग करने वाले इन आतंकियों ने उन कुछ लोगों को छोड़ दिया, जिन्होंने कलमा पढ़ा था।
हमले में बचे कुछ लोगों ने बताया कि आतंकियों ने उनसे कलमा (अरबी भाषा में कलिमा कहा जाता है) पढ़ने के लिए कहा। जिन लोगों ने कलमा सुना दिया, उन्हें छोड़ दिया गया, जबकि जो ऐसा नहीं कर पाए, उन्हें गोली मार दी गई।
यहां देखिए हमले का वीडियो...
पहलगाम हमले का दर्दनाक वीडियो pic.twitter.com/uZVfMaGrzn
— RAJIEV (राजीव) (@mishrarajiv08) April 24, 2025
कलमा क्या है?
कलमा आस्था की एक पवित्र इस्लामी अभिव्यक्ति है। "ला इलाहा इल्लल्लाह, मुहम्मदुर रसूलुल्लाह"। इसका मतलब है कि अल्लाह के अलावा कोई भगवान नहीं है, और मुहम्मद अल्लाह के दूत हैं। ये शब्द दुनिया भर के एक अरब से ज्यादा मुसलमानों के लिए पवित्र हैं।
जब किसी के घर में कोई बच्चा पैदा होता है, तो ये कलमा उसके कान में कहा जाता है। इसके बाद रोजाना दिन की पांच वक्त की नमाज में कलमा दोहराए जाते हैं। मकसद है कि जब किसी मुस्लिम शख्स का आखिरी समय चल रहा हो, तो मरने से पहले ये शब्द उसकी जबान पर रहें।
यह अल्लाह और उसके अंतिम दूत, पैगंबर मुहम्मद में विश्वास की घोषणा है। 'कलमा' एक अरबी शब्द है जिसका मतलब होता है "शब्द" या "कथन।"
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इस्लाम में होते हैं छह कलमा
पहला कलमा तैय्यब- अल्लाह और मुहम्मद की नबी होने की एकता की घोषणा करता है।
दूसरा कलमा शहादत- आस्था की गवाही की पुष्टि करता है, जिसे अक्सर इस्लाम अपनाने के दौरान पढ़ा जाता है।
तीसरा कलमा तमजीद- अल्लाह की महानता और दया का गुणगान करता है।
कलमा तौहीद- अल्लाह की एकता, जीवन और मृत्यु पर उसकी शक्ति की बात करता है।
कलमा अस्तगफर- ज्ञात और अज्ञात दोनों पापों के लिए क्षमा मांगता है।
कलमा रद्दे कुफ्र- अविश्वास और पापपूर्ण कार्यों को अस्वीकार करता है।
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कलमा क्यों महत्वपूर्ण हैं?
दरअसल, ये छह कलमा इस्लामी आस्था के केंद्र हैं। वे मुसलमानों को अल्लाह की एकता, पैगंबर के महत्व और क्षमा मांगने और पाप से दूर रहने की जरूरत के बारे में सिखाते हैं। उन्हें पढ़ने से मुसलमानों को चिंतन करने, पश्चाताप करने और अपने विश्वास को मजबूत करने में मदद मिलती है।
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