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    Surya Stuti: रविवार के दिन करें भगवान सूर्य की इस स्तुति का पाठ, हो जाएंगे धनवान

    Surya Stuti रविवार का दिन सूर्यदेव देव की पूजा के लिए समर्पित है। शास्त्रों में सूर्य पूजा बेहद फलदायी मानी गई है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार जो लोग सच्ची श्रद्धा के साथ सूर्यदेव की पूजा करते हैं उनकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। ऐसे में प्रत्येक दिन सूर्यदेव को जल चढ़ाने के साथ उनके सामने हाथ जोड़कर प्रणाम करें फिर मन शांत करके भगवान सूर्य की स्तुति का पाठ करें।

    By Vaishnavi DwivediEdited By: Vaishnavi DwivediUpdated: Sun, 03 Dec 2023 07:00 AM (IST)
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    Surya Stuti: रविवार के दिन करें भगवान सूर्य की इस स्तुति का पाठ

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। Surya Stuti: भगवान सूर्य को धरती का प्रत्यक्ष देवता माना गया है। रविवार का दिन सूर्यदेव देव की पूजा के लिए समर्पित है। शास्त्रों में सूर्य पूजा बेहद फलदायी मानी गई है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, जो लोग सच्ची श्रद्धा के साथ सूर्यदेव की पूजा करते हैं उनकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। ऐसे में प्रत्येक दिन सूर्यदेव को जल चढ़ाने के साथ उनके सामने हाथ जोड़कर प्रणाम करें, फिर मन शांत करके भगवान सूर्य (Surya Puja) की स्तुति का पाठ करें।

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    ध्यान रहे कि इस स्तुति का पाठ जितनी सुबह करेंगे, इसके परिणाम उतने ही अच्छे देखने को मिलेंगे। तो आइए पढ़ते हैं -

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    ।। श्री सूर्य स्तुति ।।

    जय कश्यप-नन्दन, ॐ जय अदिति नन्दन ।।

    त्रिभुवन-तिमिर-निकन्दन, भक्त-हृदय-चन्दन॥

    जय कश्यप-नन्दन, ॐ जय अदिति नन्दन।।

    सप्त-अश्वरथ राजित, एक चक्रधारी।

    दु:खहारी, सुखकारी, मानस-मल-हारी॥

    जय कश्यप-नन्दन, ॐ जय अदिति नन्दन।।

    सुर-मुनि-भूसुर-वन्दित, विमल विभवशाली।

    अघ-दल-दलन दिवाकर, दिव्य किरण माली॥

    जय कश्यप-नन्दन, ॐ जय अदिति नन्दन।।

    सकल-सुकर्म-प्रसविता, सविता शुभकारी।

    विश्व-विलोचन मोचन, भव-बन्धन भारी॥

    जय कश्यप-नन्दन, ॐ जय अदिति नन्दन।।

    कमल-समूह विकासक, नाशक त्रय तापा।

    सेवत साहज हरत अति मनसिज-संतापा॥

    जय कश्यप-नन्दन, ॐ जय अदिति नन्दन।।

    नेत्र-व्याधि हर सुरवर, भू-पीड़ा-हारी।

    वृष्टि विमोचन संतत, परहित व्रतधारी॥

    जय कश्यप-नन्दन, ॐ जय अदिति नन्दन।।

    सूर्यदेव करुणाकर, अब करुणा कीजै।

    हर अज्ञान-मोह सब, तत्त्वज्ञान दीजै॥

    जय कश्यप-नन्दन, ॐ जय अदिति नन्दन।।

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    डिसक्लेमर- 'इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/जयोतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देंश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी'।