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    Grahan 2026: नए साल में कब-कब लगेगा ग्रहण, पहले ही जान लें तारीख

    Updated: Wed, 17 Dec 2025 12:21 PM (IST)

    साल 2026 में कुल चार ग्रहण लगेंगे, जिनमें दो सूर्य ग्रहण और दो चंद्र ग्रहण शामिल हैं। इनमें से मार्च 2026 को लगने वाला पहला चंद्र ग्रहण ही भारत में दि ...और पढ़ें

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    Grahan 2026: ग्रहण कब-कब लगेंगे (AI-generated image)

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। हर नया साल अपने साथ कई खगोलीय घटनाएं लेकर आता है। साल 2026 भी इससे अलग नहीं है। इस साल सूर्य और चंद्र ग्रहण (Chandra Grahan 2026) दोनों देखने को मिलेंगे, जिनको लेकर लोगों में उत्सुकता बनी हुई है। खासकर, यह जानना जरूरी है कि कौन-सा ग्रहण भारत में दिखाई देगा और किन तारीखों पर सूतक काल मान्य होगा।

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    साल 2026 में कुल चार ग्रहण लगेंगे। इनमें दो सूर्य ग्रहण और दो चंद्र ग्रहण शामिल हैं। हालांकि, हर ग्रहण का असर भारत में नहीं होगा। नीचे तारीखों के साथ पूरी जानकारी दी जा रही है-

    साल 2026 के ग्रहण- तारीखें

    * सूर्य ग्रहण

    • 17 फरवरी 2026– यह सूर्य ग्रहण अमावस्या के दिन लगेगा, लेकिन भारत में दिखाई नहीं देगा। इसलिए इस दिन सूतक काल नहीं माना जाएगा।

    • 12 अगस्त 2026– यह साल का दूसरा सूर्य ग्रहण होगा। यह पूर्ण सूर्य ग्रहण रहेगा, लेकिन यह भी भारत में दिखाई नहीं देगा। इस कारण धार्मिक रूप से इसका कोई प्रभाव नहीं माना जाएगा। यह स्पेन, रूस और पुर्तगाल के कई हिस्सों में देखा जा सकेगा।

    * चंद्र ग्रहण

    • 3 मार्च 2026– यह साल का पहला चंद्र ग्रहण होगा और भारत में दिखाई देगा। यह खंडग्रास चंद्र ग्रहण रहेगा। इस दिन सूतक काल मान्य होगा, जो ग्रहण से पहले सुबह- 09:39 मिनट पर शुरू होकर ग्रहण समाप्त होने पर शाम 06:46 मिनट पर खत्म होगा। वहीं, ग्रहण चंद्रोदय के साथ शाम 6.26 मिनट पर प्रारंभ होगा और शाम 6.46 मिनट पर समाप्त हो जाएगा.

    • 28 अगस्त 2026– यह साल का दूसरा चंद्र ग्रहण होगा, लेकिन यह भारत में दिखाई नहीं देगा। इसलिए सूतक काल लागू नहीं होगा। यह उत्तर और दक्षिण अमेरिका, यूरोप और अफ्रीका के कुछ हिस्सों में दिखाई देगा.

    ग्रहण का खास महत्व

    भारतीय परंपरा में ग्रहण का खास महत्व माना जाता है। हिंदू धर्म में मान्यता है कि ग्रहण के समय नकारात्मक ऊर्जा का प्रभाव बढ़ जाता है, इसलिए लोग इस दौरान भोजन पकाने से बचते हैं और पूजा-पाठ नहीं करते हैं। ग्रहण समाप्त होने के बाद स्नान और घर की शुद्धि की परंपरा भी निभाई जाती है।

    वहीं, वैज्ञानिक नजरिए से देखा जाए तो ग्रहण एक सामान्य खगोलीय घटना है। जब सूर्य, चंद्रमा और पृथ्वी एक सीध में आ जाते हैं, तब ग्रहण लगता है। इसमें डरने की कोई बात नहीं होती, बल्कि यह विज्ञान का एक रोचक दृश्य होता है। साल 2026 में पड़ने वाले ग्रहण धार्मिक और वैज्ञानिक दोनों ही नजरियों से लोगों के लिए दिलचस्प रहने वाला है। सही जानकारी होने से भ्रम से बचा जा सकता है और परंपराओं को भी बेहतर तरीके से समझा जा सकता है।

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    अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।