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    Chaitra Amavasya 2025: चैत्र अमावस्या पर लगेगा साल का पहला सूर्य ग्रहण, इन राशियों को रहना होगा सावधान

    न्याय के देवता शनिदेव 29 मार्च को राशि परिवर्तन करेंगे। इस दिन शनिदेव कुंभ राशि से निकलकर मीन राशि में गोचर करेंगे। शनिदेव के राशि परिवर्तन करने से कई राशि के जातकों को लाभ मिलेगा। मकर राशि के जातकों को साढ़ेसाती से मुक्ति मिलेगी। वहीं मेष राशि के जातकों पर साढ़ेसाती शुरू होगी। इस दिन सूर्य ग्रहण (Surya Grahan 2025) लगेगा।

    By Pravin KumarEdited By: Pravin KumarUpdated: Mon, 03 Mar 2025 02:38 PM (IST)
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    Chaitra Amavasya 2025: कब है चैत्र अमावस्या?

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। वैदिक पंचांग के अनुसार, 29 मार्च को चैत्र अमावस्या (Chaitra Amavasya 2025) है। सनातन धर्म में अमावस्या तिथि का विशेष महत्व है। इस शुभ अवसर पर स्नान-ध्यान, भगवान शिव की पूजा, जप-तप और दान-पुण्य किया जाता है। साथ ही पितरों का तर्पण एवं पिंडदान किया जाता है। अमावस्या तिथि पर देवों के देव महादेव की पूजा करने से व्यक्ति को मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है। साथ ही जीवन में व्याप्त सभी प्रकार के दुख एवं संकट दूर हो जाते हैं।

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    ज्योतिषीय गणना अनुसार, चैत्र अमावस्या के दिन साल का पहला सूर्य ग्रहण (First solar eclipse 2025) लगने वाला है। सूर्य ग्रहण के दौरान राहु का प्रभाव बढ़ जाता है। इसके लिए ग्रहण के दौरान शुभ काम करने की मनाही होती है। साथ ही खानपान पर भी प्रतिबंध रहता है। सूर्य ग्रहण के दौरान कई राशि के जातकों (Surya Grahan 2025 effects on Zodiac) को सावधान रहने की जरूरत है। आइए, इन राशियों के बारे में जानते हैं-

    कब है सूर्य ग्रहण (Holi 2025 Surya Grahan)

    ज्योतिष गणना अनुसार, 29 मार्च को साल का पहला सूर्य ग्रहण लगने वाला है। सूर्य ग्रहण के दौरान सूतक 12 घंटे पूर्व लगता है। वहीं, चंद्र ग्रहण के दौरान सूतक 9 घंटे पहले लगता है। सूतक के दौरान शुभ काम नहीं किया जाता है। सूर्य ग्रहण भारत में नहीं दिखाई देगा। इसके लिए सूतक भी मान्य नहीं होगा। हालांकि, शास्त्र द्वारा निर्धारित नियमों का पालन अवश्य करें। ग्रहण के दौरान शुभ काम न करें। इसके अलावा, खानपान से भी परहेज करें। वहीं, भगवान विष्णु का ध्यान करें।

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    मेष राशि

    सूर्य ग्रहण के दौरान मेष राशि के जातकों को सावधान रहने की आवश्यकता है। मेष राशि के जातकों पर सूर्य देव की विशेष कृपा बरसती है। वहीं, राहु और सूर्य के मध्य शत्रुवत संबंध है। इसके लिए मेष राशि के जातकों को सावधान रहने की जरूरत है। शुभ काम की शुरुआत न करें। अपनी वाणी पर कंट्रोल रखें। किसी से वाद-विवाद न करें। बड़ों की सेवा और सम्मान करें। ग्रहण के दौरान नकारात्मक जगहों पर जाने से बचें।

    सिंह राशि

    सिंह राशि के स्वामी आत्मा के कारक सूर्य देव हैं और आराध्य भगवान विष्णु हैं। सिंह राशि के जातकों पर सूर्य देव की असीम कृपा रहती है। सिंह राशि के जातकों को ग्रहण के समय सावधान रहने की आवश्यकता है। अनावश्यक घर से बाहर न निकलें। सेहत का ध्यान रखें। मानसिक तनाव की समस्या हो सकती है। शिवजी के नामों का जप करें। बेवजह की बातों पर ध्यान न दें। किसी से बहस न करें। तामसिक चीजों का सेवन न करें। निवेश करने से बचें।

    मीन राशि

    मीन राशि के जातकों को चैत्र अमावस्या के दिन सावधान रहने की आवश्यकता है। शुभ काम करने से बचें। किसी के प्रति बुरा न सोचें। ग्रहण के समय विष्णु जी के नामों का जप करें। यात्रा से बचें। किसी को उधार न दें। कारोबार से जुड़े अहम फैसले न लें। मानसिक तनाव की परेशानी हो सकती है। विचार में मतभेद देखने को मिलेगा। ग्रहण के बाद सफेद एवं पीले रंग की चीजों का दान करें।

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    अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।