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    Surya Grahan 2024: कब लगेगा साल का दूसरा सूर्य ग्रहण? नोट करें सही तिथि एवं सूतक समय

    By Pravin KumarEdited By: Pravin Kumar
    Updated: Mon, 08 Apr 2024 01:53 PM (IST)

    इस वर्ष 02 अक्टूबर को आश्विन अमावस्या है। इसे सर्वपितृ अमावस्या भी कहा जाता है। सनातन शास्त्रों में आश्विन माह के कृष्ण पक्ष से लेकर अमावस्या तिथि तक पितृ पक्ष मनाया जाता है। इस दौरान पितृ भूलोक पर आते हैं। अतः आश्विन अमावस्या पर लोग अपने पूर्वजों का तर्पण और पिंडदान करते हैं। इसके पश्चात ब्राह्मणों को भोजन खिलाकर दान-दक्षिणा देते हैं।

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    Surya Grahan 2024: कब लगेगा साल का दूसरा सूर्य ग्रहण? नोट करें सही तिथि एवं सूतक समय

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। Surya Grahan 2024: सनातन धर्म में अमावस्या तिथि का विशेष महत्व है। इस वर्ष 02 अक्टूबर को आश्विन अमावस्या है। इसे सर्वपितृ अमावस्या भी कहा जाता है। सनातन शास्त्रों में आश्विन माह के कृष्ण पक्ष से लेकर अमावस्या तिथि तक पितृ पक्ष मनाया जाता है। इस दौरान पितृ भूलोक पर आते हैं। अतः आश्विन अमावस्या पर लोग अपने पूर्वजों का तर्पण और पिंडदान करते हैं। इसके पश्चात ब्राह्मणों को भोजन खिलाकर दान-दक्षिणा देते हैं। गरुड़ पुराण में वर्णित है कि पितृ पक्ष में पितरों का तर्पण करने से पूर्वज (मृत लोग) प्रसन्न होते हैं। उनकी कृपा से व्यक्ति को मृत्यु लोक में सभी प्रकार के सांसारिक सुखों की प्राप्ति होती है। ज्योतिषियों की मानें तो आश्विन अमावस्या तिथि पर साल का दूसरा सूर्य ग्रहण लगने वाला है। आइए, आश्विन अमावस्या पर लगने वाले साल के दूसरे सूर्य ग्रहण के बारे में सबकुछ जानते हैं-  

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    शुभ मुहूर्त

    सनातन पंचांग के अनुसार, आश्विन अमावस्या 01 अक्टूबर को रात 09 बजकर 39 मिनट पर शुरू होगी और 03 अक्टूबर (अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार) को देर रात 12 बजकर 18 मिनट पर समाप्त होगी। अतः 02 अक्टूबर को आश्विन अमावस्या मनाई जाएगी।  

    कब लगेगा दूसरा सूर्य ग्रहण?

    ज्योतिषियों की मानें तो आश्विन अमावस्या को साल का दूसरा सूर्य ग्रहण लगेगा। इस वर्ष आश्विन अमावस्या 02 अक्टूबर यानी गांधी जयंती के दिन है। यह ग्रहण भारत में दिखाई नहीं देगा। इसके लिए सूतक मान्य नहीं होगा। विश्व के कई देशों में साल का दूसरा ग्रहण दिखाई देगा। हालांकि, ग्रहण के समय महामृत्युंजय मंत्र का जप अवश्य करें। महामृत्युंजय मंत्र के जाप से राहु के अशुभ प्रभावों से मुक्ति मिलती है।

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    डिसक्लेमर: इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।