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    Surya Grahan 2024: दशकों बाद सूर्य ग्रहण पर बन रहे हैं ये दुर्लभ संयोग, बनेंगे सारे बिगड़े काम

    By Pravin KumarEdited By: Pravin Kumar
    Updated: Mon, 08 Apr 2024 11:51 AM (IST)

    ज्योतिषियों की मानें तो चैत्र अमावस्या 08 अप्रैल को देर रात 03 बजकर 21 मिनट (07 अप्रैल की रात) पर शुरू होगी और 08 अप्रैल को रात 11 बजकर 50 मिनट पर समाप्त होगी। सनातन धर्म में प्रदोष काल में होने वाली पूजा को छोड़कर अन्य व्रत-त्योहर हेतु उदया तिथि मान है। अतः चैत्र अमावस्या 08 अप्रैल को मनाई जाएगी।

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    Surya Grahan 2024: दशकों बाद सूर्य ग्रहण पर बन रहे हैं ये दुर्लभ संयोग, बनेंगे सारे बिगड़े काम

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। Surya Grahan 2024: हर माह कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि के अगले दिन अमावस्या तिथि पड़ती है। तदनुसार, इस साल 08 अप्रैल को चैत्र अमावस्या है। इस दिन ही साल का पहला सूर्य ग्रहण लगने वाला है। यह ग्रहण भारत में नहीं दिखाई देगा। ज्योतिषियों की मानें तो दशकों बाद सूर्य ग्रहण पर शिववास का शुभ योग बन रहा है। वहीं, चैत्र अमावस्या पर शुभकारी इंद्र योग का निर्माण हो रहा है। इन योग में भगवान शिव की आराधना करने से साधक को अक्षय फल की प्राप्ति होगी। साथ ही जीवन में व्याप्त सभी प्रकार के दुख और संताप दूर हो जाएंगे। आइए, शुभ मुहूर्त एवं योग जानते हैं-

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    शुभ मुहूर्त

    ज्योतिषियों की मानें तो चैत्र अमावस्या 08 अप्रैल को देर रात 03 बजकर 21 मिनट (07 अप्रैल की रात) पर शुरू होगी और 08 अप्रैल को रात 11 बजकर 50 मिनट पर समाप्त होगी। सनातन धर्म में प्रदोष काल में होने वाली पूजा को छोड़कर अन्य व्रत-त्योहर हेतु उदया तिथि मान है। अतः चैत्र अमावस्या 08 अप्रैल को मनाई जाएगी। सोमवती अमावस्या की रात 09 बजकर 12 मिनट से लेकर देर रात 02 बजकर 22 मिनट तक सूर्य ग्रहण लगेगा।

    इंद्र योग

    दशकों बाद सूर्य ग्रहण तिथि पर मंगलकारी इंद्र योग का निर्माण हो रहा है। हालांकि, इस योग का निर्माण शाम 06 बजकर 14 मिनट तक ही है। वहीं, नक्षत्र रेवती है। इस नक्षत्र का संयोग 09 अप्रैल को सुबह 07 बजकर 32 मिनट तक है।

    शिववास

    ज्योतिषियों की मानें तो सूर्य ग्रहण के दौरान शिववास का शुभ संयोग बन रहा है। भारतीय समयानुसार देर रात 11 बजकर 50 मिनट तक भगवान शिव जगत जननी मां पार्वती के साथ रहेंगे। इस समय में भगवान शिव एवं माता पार्वती की आराधना और सुमिरन करने से जातक के जीवन में व्याप्त सभी दुख और क्लेश दूर हो जाएंगे।

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    डिसक्लेमर: इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।