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    Masik Karthigai 2024: इन 5 शुभ योग में मनाया जाएगा मासिक कार्तिगाई दीपम, प्राप्त होगा महादेव का आशीर्वाद

    मासिक कार्तिगाई दीपम पर मंदिर एवं मठों को भव्य तरीके से सजाया जाता है। इस उपलक्ष्य पर विशेष पूजा का आयोजन किया जाता है। धार्मिक मत है कि देवों के देव महादेव की पूजा करने से साधक के जीवन में व्याप्त सभी प्रकार के दुख और कष्ट दूर हो जाते हैं। साथ ही आरोग्य जीवन का वरदान प्राप्त होता है।

    By Pravin KumarEdited By: Pravin KumarUpdated: Mon, 03 Jun 2024 01:02 PM (IST)
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    Masik Karthigai 2024: इन 5 शुभ योग में मनाया जाएगा मासिक कार्तिगाई दीपम

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। Masik Karthigai 2024: ज्योतिषीय गणना के अनुसार, हर महीने कृतिका नक्षत्र पड़ने वाली तिथि पर मासिक कार्तिगाई दीपम मनाया जाता है। यह पर्व भगवान शिव को समर्पित होता है। इस दिन देवों के देव महादेव की ज्योत रूप में पूजा की जाती है। साथ ही उनके निमित्त व्रत-उपवास भी रखा जाता है। मासिक कार्तिगाई दीपम की संध्या में लोग अपने घरों के मुख्य द्वार पर और सभी कमरों में दीप जलाते हैं। दक्षिण भारत में मासिक कार्तिगाई दीपम का त्योहार धूमधाम से मनाया जाता है। ज्योतिषियों की मानें तो मासिक कार्तिगाई दीपम पर 05 दुर्लभ संयोग बन रहा है। इन योग में भगवान शिव की पूजा करने से साधक को सभी प्रकार के दुखों से मुक्ति मिलेगी। आइए, इन योग के बारे में जानते हैं-

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    तिथि

    पंचांग के अनुसार, ज्येष्ठ माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि 05 जून को शाम में 07 बजकर 54 मिनट तक है। इसके बाद पंचमी तिथि शुरू होगी। 05 जून को संध्याकाल 09 बजकर 16 मिनट तक कृतिका नक्षत्र है। अतः साधक 09 बजकर 16 मिनट तक भगवान शिव की पूजा-उपासना कर सकते हैं। साथ ही घरों में ज्योत जला सकते हैं।

    सुकर्मा योग

    ज्योतिषियों की मानें तो मासिक कार्तिगाई दीपम पर सुकर्मा योग का निर्माण हो रहा है। इस योग का निर्माण देर रात 12 बजकर 36 मिनट तक है। साधक प्रदोष काल में भगवान शिव की पूजा कर सकते हैं। इस दिन सर्वार्थ सिद्धि योग का भी संयोग बन रहा है।

    भद्रावास योग

    मासिक कार्तिगाई दीपम पर भद्रावास योग का भी निर्माण हो रहा है। इस योग का निर्माण प्रातः काल 08 बजकर 56 मिनट तक है। इस समय में भगवान शिव की उपासना कर सकते हैं। साथ ही शिववास योग भी बन रहा है। इस योग का निर्माण प्रदोष काल में हो रहा है। इस दौरान भगवान शिव कैलाश पर जगत जननी मां पार्वती के साथ रहेंगे।

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    अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।