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    Pradosh Vrat 2025: सोम प्रदोष व्रत पर शिववास और रवि योग समेत बन रहे हैं कई अद्भुत संयोग, बरसेगी महादेव की कृपा

    Updated: Thu, 30 Oct 2025 09:01 PM (IST)

    3 नवंबर को कार्तिक माह का अंतिम सोम प्रदोष व्रत मनाया जाएगा। इस दिन भगवान शिव और मां पार्वती की पूजा की जाती है। ज्योतिषियों के अनुसार, इस व्रत पर रवि, शिववास और हर्षण जैसे कई शुभ योग बन रहे हैं। इन योगों में पूजा करने से साधक की सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं, सुख-सौभाग्य बढ़ता है और आरोग्यता प्राप्त होती है। त्रयोदशी तिथि 3 नवंबर को सुबह 05:07 बजे से शुरू होकर 4 नवंबर को सुबह 02:05 बजे तक रहेगी।

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    Pradosh Vrat 2025: प्रदोष व्रत का धार्मिक महत्व

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। वैदिक पंचांग के अनुसार, 03 नवंबर को कार्तिक महीने का अंतिम प्रदोष व्रत है। यह पर्व हर महीने कृष्ण और शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि पर मनाया जाता है। सोमवार के दिन पड़ने के चलते यह सोम प्रदोष व्रत कहलाएगा। इस दिन देवों के देव महादेव और मां पार्वती की भक्ति भाव से पूजा की जाएगी। साथ ही मनचाहा वरदान पाने के लिए त्रयोदशी तिथि पर व्रत रखा जाएगा।

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    ज्योतिषियों की मानें तो कार्तिक माह के अंतिम प्रदोष व्रत पर रवि और शिववास योग समेत कई मंगलकारी संयोग बन रहे हैं। इन योग में भगवान शिव और मां पार्वती की पूजा करने से साधक की हर मनोकामना पूरी होगी। आइए, सोम प्रदोष व्रत पर बनने वाले योग के बारे में सबकुछ जानते हैं-

    सोम प्रदोष व्रत शुभ मुहूर्त (Pradosh Vrat 2025 Shubh Muhurat)

    वैदिक पंचांग के अनुसार, कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी (Som Trayodashi 2025 Date) तिथि की शुरुआत 03 नवंबर को सुबह 05 बजकर 07 मिनट पर होगी और 04 नवंबर को सुबह 02 बजकर 05 मिनट पर समाप्त होगी। ज्योतिष गणना से 03 नवंबर को कार्तिक माह का अंतिम प्रदोष व्रत मनाया जाएगा।

    सोम प्रदोष व्रत शुभ योग (Pradosh Vrat 2025 Shubh Yog)

    कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि पर हर्षण योग का संयोग है। इस योग का समापन प्रदोष काल यानी शाम 07 बजकर 40 मिनट पर होगा। ज्योतिष हर्षण को शुभ मानते हैं। इस योग में शिव शक्ति संग चंद्र देव की पूजा कर सकते करने से हर मनोकामना पूरी होगी।

    शिववास योग

    सोम प्रदोष व्रत पर शिववास का निर्माण हो रहा है। शिववास योग का संयोग देर रात 02 बजकर 05 मिनट तक है। इस समय तक भगवान शिव नंदी की सवारी करेंगे। शिववास योग में भगवान शिव का अभिषेक करने से सुख और सौभाग्य में वृद्धि होती है।

    रवि योग

    कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि पर रवि योग का संयोग बन रहा है। रवि योग का संयोग दोपहर 03 बजकर 05 मिनट से है। वहीं, रवि योग का समापन 04 नवंबर को सुबह में होगा। रवि योग में भगवान शिव की पूजा करने से आरोग्यता का वरदान मिलेगा। साथ ही सभी प्रकार के शारीरिक और मानसिक कष्टों से मुक्ति मिलती है।

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    अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।