Sita Navami 2025: अयोध्या में 6 मई को मनाया जाएगा माता सीता का प्राकट्य दिवस, बन रहे हैं ये खास योग
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार वैशाख माह के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि पर पुष्य नक्षत्र में माता सीता का प्राकट्य हुआ था। इस दिन को जानकी नवमी या सीता नवमी के रूप में जाना जाता है। इस बार यह पर्व आज यानी सोमवार 05 मई को मनाया जा रहा है। वहीं अयोध्या में छह मई को मनेगा।
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। धार्मिक मान्याओं के अनुसार, सीता नवमी (Sita Navami 2025) के दिन माता जानकी जी के साथ-साथ भगवान श्रीरामचंद्र की पूजा करना भी विशेष फलदायी है। इस दिन पर सुहागिन महिलाएं अपने पति कि लंबी उम्र के लिए व्रत भी करती हैं। ऐसे में चलिए जानते हैं कि सीता नवमी के दिन कौन-कौन से शुभ योग बन रहे हैं।
बन रहे हैं ये शुभ योग
सीता नवमी के दिन मघा नक्षत्र, ध्रुव योग, कौकिल करण के साथ ही शुभ माने गए रवि योग का भी संयोग बन रहा है। इस दिन अन्य शुभ मुहूर्त कुछ इस प्रकार रहने वाले हैं -
रवि योग - दोपहर 2 बजकर 1 मिनट से 6 मई प्रात 5 बजकर 36 मिनट तक
ब्रह्म मुहूर्त - प्रातः 4 बजकर 12 मिनट से प्रातः 4 बजकर 55 मिनट तक
अभिजित मुहूर्त - सुबह 11 बजकर 51 मिनट से दोपहर 12 बजकर 45 मिनट तक
विजय मुहूर्त - दोपहर 2 बजकर 32 मिनट से दोपहर 3 बजकर 25 मिनट तक
पुजा मुहूर्त
वृहत विष्णु पुराण के अनुसार, माता सीता का जन्म दोपहर के समय हुआ था, जिसे मध्याह्न मुहूर्त के रूप में जाना जाता है। इस समय में माता सीता की पूजा करना काफी शुभ माना जाता है। सीती नवमी के दिन मध्याह्न मुहूर्त कुछ इस प्रकार रहने वाला है -
मध्याह्न मुहूर्त - सुबह 10 बजकर 58 मिनट से दोपहर 1 बजकर 38 मिनट तक
सीता नवमी मध्याह्न का क्षण - दोपहर 12 बजकर 18 मिनट पर
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करें इन मंत्रों का जप
सीता नवमी के खास अवसर पर माता सीता की जन्म स्थली सीतामढ़ी में सीता राम के साथ-साथ राजा जनक, माता सुनयना, हल और पृथ्वी की भी विधि-विधान से पूजा-अर्चना की जाती है। इस दिन पर आप माता सीता की कृपा के लिए इस मंत्रों का जप कर सकते हैं -़
- ॐ सीतायै नमः।।
- ॐ श्री सीतायै नमः।।
- श्री सीता-रामाय नमः।।
- ॐ जनकनंदिन्यै विद्महे भूमिजायै धीमहि तन्नो सीता प्रचोदयात्।।
- श्रीराम सांनिध्यवशां-ज्जगदानन्ददायिनी। उत्पत्ति स्थिति संहारकारिणीं सर्वदेहिनम्॥
- उद्भव स्थिति संहारकारिणीं हारिणीम्। सर्वश्रेयस्करीं सीतां नतोऽहं रामबल्लभाम्॥
- श्री जानकी रामाभ्यां नमः जय श्री सीता राम श्री सीताय नमः
- “नाम पाहरू दिवस निसि ध्यान तुम्हार कपाट। लोचन निज पद जंत्रित जाहिं प्रान केहिं बाट॥”
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