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    Sheetala Ashtami 2024: शीतला अष्टमी पर शिववास का बन रहा है दुर्लभ संयोग, प्राप्त होगा मां का आशीर्वाद

    By Pravin KumarEdited By: Pravin Kumar
    Updated: Sun, 31 Mar 2024 04:39 PM (IST)

    यह पर्व होली के आठ दिन बाद मनाया जाता है। इसे बसौड़ा या बसोड़ा भी कहते हैं। इस दिन शीतला मां की पूजा-उपासना की जाती है। धार्मिक मत है कि मां शीतला की पूजा करने से साधक को सभी प्रकार के सांसारिक कष्टों से मुक्ति मिलती है। साथ ही घर में सुख शांति और समृद्धि आती है। इसके अलावा सौभाग्य और आय में भी वृद्धि होती है।

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    Sheetala Ashtami 2024: शीतला अष्टमी पर शिववास का बन रहा है दुर्लभ संयोग

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। Sheetala Ashtami 2024: हर वर्ष चैत्र माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को शीतला अष्टमी मनाई जाती है। तदनुसार, इस वर्ष मंगलवार 02 अप्रैल को शीतला अष्टमी है। यह पर्व होली के आठ दिन बाद मनाया जाता है। इसे बसौड़ा या बसोड़ा भी कहते हैं। इस दिन शीतला मां की पूजा-उपासना की जाती है। धार्मिक मत है कि मां शीतला की पूजा करने से साधक को सभी प्रकार के सांसारिक कष्टों से मुक्ति मिलती है। साथ ही घर में सुख, शांति और समृद्धि आती है। इसके अलावा, सौभाग्य और आय में भी वृद्धि होती है। ज्योतिषियों की मानें तो शीतला अष्टमी पर शिववास का मंगलकारी योग बन रहा है। इस योग में महादेव एवं माता पार्वती की पूजा करने से कई गुना फल प्राप्त होगा। आइए, शिववास योग के बारे में जानते हैं-

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    शुभ मुहूर्त

    ज्योतिष गणना के अनुसार, चैत्र माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि 01 अप्रैल को रात 09 बजकर 09 मिनट पर शुरू होगी और 02 अप्रैल को संध्याकाल 08 बजकर 08 मिनट पर समाप्त होगी। उदया तिथि मान के चलते 02 अप्रैल को शीतला अष्टमी मनाई जाएगी। इस दिन पूजा का समय सुबह 06 बजकर 10 मिनट से संध्याकाल 06 बजकर 40 तक है। इस दौरान मां शीतला की पूजा करने से साधक की सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं।

    शिववास

    ज्योतिषियों की मानें तो शीतला अष्टमी तिथि पर देवों के देव महादेव, जगत जननी आदिशक्ति मां गौरी के साथ रहेंगे। इस दिन भगवान शिव संध्याकाल 08 बजकर 08 मिनट तक मां गौरी के साथ रहेंगे। इस दौरान मां शीतला की पूजा करने से साधक को अक्षय फल की प्राप्ति होगी।

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    डिसक्लेमर: इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।