Shivling Prasad Niyam: क्या शिवलिंग पर चढ़ा प्रसाद खाना होता है शुभ, जरूर जान लें ये नियम
हिंदू धर्म में देवी-देवताओं पर चढ़ा हुआ प्रसाद ग्रहण करना काफी शुभ माना जाता है। लेकिन वहीं शिवलिंग पर अर्पित प्रसाद को लेकर थोड़े अलग नियम मिलते हैं जिनका वर्णन शिव पुराण में भी मिलता है। ऐसे में चलिए जानते हैं कि क्या शिवलिंग पर चढ़ा प्रसाद खाना चाहिए या नहीं।

धर्म डेस्क, नई दिल्ली। शिवलिंग की भगवान शिव और माता पार्वती के आदि-अनादि एकल रूप में पूजा होती है। किसी भी पूजा में भगवान को प्रसाद स्वरूप से अर्पित किया जाता है और माना जाता है कि चढ़ाए हुए प्रसाद को ग्रहण करने से भगवान का आशीर्वाद साधक को मिलता है। ऐसे में चलिए जानते हैं शिवलिंग प्रसाद से जुड़े हुए नियम।
शिव पुराण में क्या कहा गया है
शिव पुराण में इस बात का वर्णन मिलता है कि भगवान शिव का प्रसाद अत्यंत पवित्र और पुण्यकारी होता है। ऐसे में भगवान शिव पर चढ़ा हुआ प्रसाद जरूर ग्रहण करना चाहिए। इससे साधक को पूजा का कई गुना फल की प्राप्ति होती है। वहीं अगर कोई व्यक्ति प्रसाद का अपमान करता है या उसे ग्रहण नहीं करता, तो ऐसे में वह व्यक्ति पाप का भागीदार बन जाता है।
(Picture Credit: Freepik)
शिवलिंग प्रसाद के नियम
शिवा जी पर चढ़े हुए प्रसाद को ग्रहण करने से कोई दोष नहीं लगता, लेकिन शिव पुराण में माना गया है कि शिवलिंग पर अर्पित प्रसाद को ग्रहण करने से चाहिए। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, शिवलिंग पर चढ़ा हुआ प्रसाद चण्डेश्वर का होता है। चण्डेश्वर, भगवान शिव के एक गण के रूप में जाने जाते हैं, जो भूत-प्रेत के प्रधान हैं। ऐसे में शिवलिंग पर चढ़ाए गए प्रसाद को ग्रहण करने से व्यक्ति को अशुभ परिणाम झेलने पड़ सकते हैं।
यह भी पढ़ें - Pradosh Vrat 2025: सावन महीने में कब है बुध प्रदोष व्रत? नोट करें शुभ मुहूर्त एवं योग
(Picture Credit: Freepik) (AI Image)
कौन-सा प्रसाद खा सकते हैं
अगर शिवलिंग के पास प्रसाद रखा हुआ है, तो उसे खाया जा सकता है। मिट्टी, चीनी मिट्टी या फिर पत्थर से बने हुए शिवलिंग पर अर्पित प्रसाद को ग्रहण करने की मनाही है। वहीं अगर शिवलिंग चांदी, पीतल या फिर तांबे का बना हुआ है, तो उस पर चढ़ा हुआ प्रसाद ग्रहण किया जा सकता है। इससे आपको कोई नकारात्मक परिणाम नहीं मिलते।
यह भी पढ़ें - Sawan Shivratri 2025: 22 या 23 जुलाई, कब है सावन शिवरात्रि? नोट करें शुभ मुहूर्त एवं योग
अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।