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    Masik Karthigai पर इन मंत्रों के जप से करें भगवान शिव को प्रसन्न, चमक उठेगा सोया भाग्य

    सनातन धर्म में मासिक कार्तिगाई (Masik Karthigai 2025 Puja Vidhi) पर्व का विशेष महत्व है। इस शुभ अवसर पर देवों के देव महादेव संग भगवान कार्तिकेय की पूजा की जाती है। साथ ही उनके निमित्त व्रत रखा जाता है। दक्षिण भारत में मासिक कार्तिगाई पर्व धूमधाम से मनाया जाता है। इस दिन शिव परिवार की भक्ति भाव से साधना की जाती है।

    By Pravin KumarEdited By: Pravin KumarUpdated: Wed, 08 Jan 2025 02:47 PM (IST)
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    Masik Karthigai 2025: भगवान शिव को कैसे प्रसन्न करें?

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। Masik Karthigai 2025: वैदिक पंचांग के अनुसार, 09 जनवरी को मासिक कार्तिगाई है। इसे मासिक कार्तिगाई दीपम भी कहा जाता है। यह पर्व हर महीने कृतिका नक्षत्र पड़ने वाले तिथि पर मनाया जाता है। इस दिन देवों के देव महादेव की पूजा की जाती है।

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    सनातन शास्त्रों में निहित है कि मासिक कार्तिगाई दीपम तिथि पर भगवान शिव ज्योत रूप में प्रकट हुए थे। इस शुभ अवसर पर शिव परिवार की विशेष पूजा की जाती है। साथ ही भगवान कार्तिकेय की उपासना की जाती है। धार्मिक मत है कि शिव परिवार की पूजा करने से साधक की सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं। साथ ही सभी बिगड़े काम भी बन जाते हैं। अगर आप भी भगवान शिव की कृपा के भागी बनना चाहते हैं, तो मासिक कार्तिगाई दीपम पर शिव परिवार की पूजा करें। वहीं, पूजा के समय इन मंत्रों का जप करें।

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    मासिक कार्तिगाई पूजा मंत्र

    1. ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्‌।

    उर्वारुकमिव बन्धनान्मृत्योर्मुक्षीय माऽमृतात्‌॥

    2. ॐ तत्पुरुषाय विद्महे महादेवाय धीमहि तन्नो रुद्र: प्रचोदयात।

    3.नागेंद्रहाराय त्रिलोचनाय

    भस्मांग रागाय महेश्वराय।

    नित्याय शुद्धाय दिगंबराय

    तस्मै नकाराय नमः शिवाय।

    4. शांति प्राप्ति हेतु मंत्र

    जरा जन्म दुःखौघ तातप्यमानं,

    प्रभो पाहि आपन्नामामीश शम्भो ॥

    5. शिव नाम स्तुति

    ॐ नमः शिवाय ॐ नमः शिवाय

    हर हर भोले नमः शिवाय

    रामेश्वराय शिव रामेश्वराय

    हर हर भोले नमः शिवाय

    गंगा धाराय शिव गंगा धाराय शिव

    हर हर भोले नमः शिवाय

    ॐ नमः शिवाय ॐ नमः शिवाय

    हर हर भोले नमः शिवाय

    जटा धाराय शिव जटा धाराय

    हर हर भोले नमः शिवाय

    सोमेश्वराय शिव सोमेश्वराय

    हर हर भोले नमः शिवाय

    ॐ नमः शिवाय ॐ नमः शिवाय

    हर हर भोले नमः शिवाय

    विश्वेश्वराय शिव विश्वेश्वराय

    हर हर भोले नमः शिवाय

    कोटेशवराय शिव कोटेशवराय

    हर हर भोले नमः शिवाय

    ॐ नमः शिवाय ॐ नमः शिवाय

    हर हर भोले नमः शिवाय

    महाकालेश्वराय महाकालेश्वराय

    हर हर भोले नमः शिवाय

    त्रियम्बकेश्वराय त्रियम्बकेश्वराय

    हर हर भोले नमः शिवाय

    ॐ नमः शिवाय ॐ नमः शिवाय

    हर हर भोले नमः शिवाय

    ॐ नमः शिवाय

    ॐ नमः शिवाय

    ॐ नमः शिवाय

    रामेश्वराय शिव रामेश्वराय

    हर हर भोले नमः शिवाय

    6. आरमुखा ओम मुरूगा

    वेल वेल मुरूगा मुरूगा

    वा वा मुरूगा मुरूगा

    वादी वेल अज़्गा मुरूगा

    अदियार एलाया मुरूगा

    अज़्गा मुरूगा वरूवाई

    वादी वेलुधने वरूवाई

    7. योगीश्वरो महासेनः कार्तिकेयोऽग्निनन्दनः।

    स्कंदः कुमारः सेनानी स्वामी शंकरसंभवः॥

    गांगेयस्ताम्रचूडश्च ब्रह्मचारी शिखिध्वजः।

    तारकारिरुमापुत्रः क्रोधारिश्च षडाननः॥

    शब्दब्रह्मसमुद्रश्च सिद्धः सारस्वतो गुहः।

    सनत्कुमारो भगवान् भोगमोक्षफलप्रदः॥

    शरजन्मा गणाधीशः पूर्वजो मुक्तिमार्गकृत्।

    सर्वागमप्रणेता च वांछितार्थप्रदर्शनः ॥

    अष्टाविंशतिनामानि मदीयानीति यः पठेत्।

    प्रत्यूषं श्रद्धया युक्तो मूको वाचस्पतिर्भवेत् ॥

    महामंत्रमयानीति मम नामानुकीर्तनात्।

    महाप्रज्ञामवाप्नोति नात्र कार्या विचारणा ॥

    8. ओम तत्पुरुषाय विधमहे: महा सैन्या धीमहि तन्नो स्कन्दा प्रचोद्यात:

    9. ज्ञानशक्तिधरा स्कंदा वल्लीईकल्याणा सुंदरा

    देवसेना मनः काँता कार्तिकेया नामोस्तुते

    10. कार्तिकेय आरती

    जय जय आरती वेणु गोपाला

    वेणु गोपाला वेणु लोला

    पाप विदुरा नवनीत चोरा

    जय जय आरती वेंकटरमणा

    वेंकटरमणा संकटहरणा

    सीता राम राधे श्याम

    जय जय आरती गौरी मनोहर

    गौरी मनोहर भवानी शंकर

    सदाशिव उमा महेश्वर

    जय जय आरती राज राजेश्वरि

    राज राजेश्वरि त्रिपुरसुन्दरि

    महा सरस्वती महा लक्ष्मी

    महा काली महा लक्ष्मी

    जय जय आरती आन्जनेय

    आन्जनेय हनुमन्ता

    जय जय आरति दत्तात्रेय

    दत्तात्रेय त्रिमुर्ति अवतार

    जय जय आरती सिद्धि विनायक

    सिद्धि विनायक श्री गणेश

    जय जय आरती सुब्रह्मण्य

    सुब्रह्मण्य कार्तिकेय

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