Sheetala Ashtami 2025: शीतला अष्टमी पर इस मूलांक को मिलेंगे शुभ परिणाम, सभी कष्ट होंगे दूर
अंक ज्योतिष (Mulank 9 Jyotish) और टैरो कार्ड रीडर पल्लवी एके शर्मा के अनुसार आज यानी 22 मार्च का दिन मूलांक 04 के लिए बेहद खास रहने वाला है। इस मूलांक को मां शीतला की कृपा प्राप्त होगी। साथ ही सभी कष्टों का नाश होगा। ऐसे में आइए जानते हैं कि आज किन कामों को करने से शुभ परिणाम प्राप्त होंगे।
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। 22 March 2025 Numerology Prediction: हर साल चैत्र माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि पर शीतला अष्टमी (Sheetala Ashtami 2025) का पर्व मनाया जाता है। पंचांग के अनुसार, इस बार शीतला अष्टमी व्रत आज यानी 22 मार्च को किया जा रहा है। शीतला अष्टमी के दिन मूलांक 04 के जातक की किस्मत चमक सकती है। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि जातक का मूलांक ग्रह एवं नक्षत्रों की चाल और व्यक्ति की जन्म तिथि के आधार पर तय किया जाता है।
अंक ज्योतिष के अनुसार, आज यानी 22 मार्च (Numerology 22 March) का दिन मूलांक 04 के जातकों के लिए बेहद खास रहने वाला है। जिन लोगों का जन्म 4, 13, 22 या 31 तारीख को होता है। उनका मूलांक 04 (Mulank 4 Jyotish) होता है। इस मूलांक के स्वामी राहु हैं। इस मूलांक के लोग प्लानिंग के साथ काम करते हैं। ऐसे में अंक ज्योतिष और टैरो विशेषज्ञ पल्लवी एके शर्मा से विस्तार से चलिए जानते हैं कि मूलांक 04 के लोगों का कैसा रहेगा आज का दिन?
(Pic Credit-AI)
इन बातों का रखें ध्यान
- जीवन में परमेश्वर के सेवक से जुड़ें और उनके संकेतों को समझें।
- समर्पण और निरंतरता आपको को जोड़ने में मदद कर सकते हैं।
- जीवन में आज कुछ सीखने के लिए अच्छा दिन है।
- मूल्यांकन क्षमताओं की सराहना करें। आपको सभी कार्यों में बड़ी सफलता मिलेगी।
इन कार्यों से बनाएं दूरी
- कठोर होना।
- अधिक काम करना ।
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आज कुछ देर के लिए बिना रुके इसका जाप करें - ''मैं अपने और अपने प्रियजनों के प्रति अपनी दैनिक अज्ञानता के लिए खुद को माफ कर रहा हूं। ''
इन मंत्रों का करें जप
- ॐ नमः शिवाय
- ॐ गं गणपतये नमः
- नमः शिवाय
- ॐ हुं हनुमते नमः
- हनुमान चालीसा
शनि देव जी का तांत्रिक मंत्र- ऊँ प्रां प्रीं प्रौं सः शनये नमः।
शनि देव महाराज के वैदिक मंत्र- ऊँ शन्नो देवीरभिष्टडआपो भवन्तुपीतये।
शनि देव का एकाक्षरी मंत्र- ऊँ शं शनैश्चाराय नमः।
शनि देव जी का गायत्री मंत्र- ऊँ भगभवाय विद्महैं मृत्युरुपाय धीमहि तन्नो शनिः प्रचोद्यात्।
शनि दोष निवारण मंत्र
ऊँ त्रयम्बकं यजामहे सुगंधिम पुष्टिवर्धनम।
उर्वारुक मिव बन्धनान मृत्योर्मुक्षीय मा मृतात।।
ॐ शन्नोदेवीरभिष्टय आपो भवन्तु पीतये।शंयोरभिश्रवन्तु नः।
ऊँ शं शनैश्चराय नमः।।
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अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।
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