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    Sheetala Ashtami 2025: शीतला अष्टमी पर लगाएं मां को ये दिव्य भोग, पूरे साल धन से भरी रहेगी तिजोरी

    शीतला अष्टमी (Sheetala Ashtami 2025) का त्योहार अपने आप में बहुत शुभ माना गया है। इसे बासौड़ा के नाम से भी जाना जाता है। इस पावन तिथि पर लोग व्रत रखते हैं और पूजा-पाठ करते हैं। कहते हैं कि इस पवित्र दिन पर व्रत रखने से स्वास्थ्य समृद्धि और सुरक्षा का वरदान मिलता है तो आइए इस दिन से जुड़ी प्रमुख बातों को जानते हैं जो इस प्रकार हैं।

    By Vaishnavi Dwivedi Edited By: Vaishnavi Dwivedi Updated: Thu, 20 Mar 2025 03:22 PM (IST)
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    Sheetala Ashtami 2025: शीतला अष्टमी का महत्व।

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। शीतला अष्टमी व्रत का हिन्दू धर्म में विशेष महत्व है। इस दिन मां शीतला की पूजा का विधान, जिन्हें स्वच्छता और स्वास्थ्य की देवी के रूप में पूजा जाता है। यह पर्व हर साल होली के बाद चैत्र माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को मनाया जाता है। इस साल यह 22 मार्च को मनाया जाएगा। ऐसा कहा जाता है कि जो साधक इस दिन (Sheetala Ashtami 2025) मां को विशेष प्रसाद चढ़ाते हैं, उन्हें सुख-शांति की प्राप्ति होती है, तो आइए मां के प्रिय भोग के बारे में जानते हैं।

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    शीतला अष्टमी के दिन देवी शीतला को लगाएं ये भोग (Sheetala Ashtami 2025 Bhog List)

    • मीठे चावल - चावल को गुड़ और दूध में पकाकर प्रसाद तैयार करें। कहते हैं कि इससे स्वास्थ्य से जुड़ी मुश्किलें दूर होती हैं।
    • पूड़ी - गेहूं के आटे से बनी तली हुई पूड़ी बनाएं। माना जाता है कि इस भोग से जीवन में खुशहाली आती है।
    • हलवा - सूजी या आटे से बना मीठा हलवा तैयार करें। इस भोग से देवी का आशीर्वाद मिलता है।
    • गुलगुले - आटे और गुड़ से बने मीठे पकौड़े। कहा जाता है कि मां को गुलगुले चढ़ाने से सुख और शांति की प्राप्ति होती है।

    लाभ

    माना जाता है कि देवी शीतला को ये दिव्य भोग अर्पित करने से वे प्रसन्न होती हैं और भक्तों को मनचाहा आशीर्वाद देती हैं। यह भी माना जाता है कि इन प्रसाद को खाने से सेहत अच्छी रहती है और धन में वृद्धि होती है। ऐसे में इस दिन मां को ये भोग प्रसाद के रूप में जरूर अर्पित करें।

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    शीतला अष्टमी का धार्मिक महत्व (Sheetala Ashtami 2025 Significance)

    शीतला अष्टमी के व्रत का बड़ा महत्व है। इस दिन लोग अपने घरों की साफ-सफाई करते हैं और देवी शीतला की पूजा करते हैं। यह त्योहार बच्चों के लिए विशेष रूप से महत्वपूर्ण है, क्योंकि ऐसा कहा जाता है कि देवी शीतला उन्हें बीमारियों से बचाती हैं और उनकी सभी भय-बाधाओं से रक्षा करती हैं।

    शीतला अष्टमी की पूजा विधि (Sheetala Ashtami 2025 Puja Vidhi)

    • इस दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान करें।
    • लाल रंग के कपड़े पहनें।
    • देवी शीतला की विधिवत पूजा करें और उन्हें ठंडा भोजन अर्पित करें।
    • इस दिन, लोग ताजा भोजन नहीं बनाते हैं, बल्कि एक दिन पहले बना हुआ भोजन खाते हैं और उसी का भोग लगाते हैं।
    • ऐसा माना जाता है कि देवी शीतला को ठंडा भोजन पसंद है।
    • शीतला अष्टमी के दिन लोग अपने घरों के बाहर नीम की पत्तियों का बंदनवार (तोरण) लगाते हैं, क्योंकि नीम में औषधीय गुण होते हैं और यह भी माना जाता है कि इससे सभी बीमारियों का अंत होता है।

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    अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।