Shattila Ekadashi 2025: षटतिला एकादशी पर किए गए ये काम, कर सकते हैं आपको कंगाल!
षटतिला एकादशी का व्रत बेहद शुभ माना जाता है। एकादशी हर महीने कृष्ण और शुक्ल पक्ष में मनाई जाती है। इस दिन भगवान विष्णु और देवी लक्ष्मी की पूजा का विधान है। माना जाता है कि इस दिन विष्णु जी की उपासना करने से सभी मनोकामनाओं की पूर्ति होती है तो चलिए इस दिन (Shattila Ekadashi 2025) से जुड़ी कुछ प्रमुख बातों को जानते हैं।
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। षटतिला एकादशी का हिंदुओं के बीच बहुत बड़ा महत्व है। इस दिन लोग भगवान विष्णु की आराधना करते हैं। माघ महीन के कृष्ण पक्ष की 11वीं तिथि को षटतिला एकादशी मनाई जाती है। इस साल यह एकादशी 25 जनवरी को मनाई जाएगी। ऐसी मान्यता है कि इस दिन का व्रत रखने और पूजा-अर्चना करने से सभी इच्छाओं की पूर्ति होती है। साथ ही सभी पापों का नाश होता है।
वहीं, इस पावन तिथि (Shattila Ekadashi 2025) को लेकर कुछ नियम बनाए गए हैं, जिनका पालन करना बहुत जरूरी होता है, तो आइए उनके बारे में जानते हैं।
षटतिला एकादशी के नियम (Shattila Ekadashi 2025 Dos And Donts)
- षटतिला एकादशी पर तामसिक भोजन जैसे - शराब, मांस, मछली, प्याज, लहसुन और अनाज का सेवन करने से बचना चाहिए।
- इस दिन फलहारी चीजें जैसे - फल, दूध, मेवा, मिष्ठान, सिंघाड़े के आटा, कुट्टू और आलू आदि का सेवन कर सकते हैं।
- इस दिन चावल खाने की पूरी तरह से मनाही है।
- षटतिला एकादशी पर तुलसी के पत्ते तोड़ने से बचें, क्योंकि इसे अशुभ माना जाता है।
- एकादशी व्रत से एक दिन पहले ही तुलसीपत्र तोड़कर रख लेना चाहिए।
- आशीर्वाद और सौभाग्य के लिए इस दिन 'श्रीकृष्ण गोविन्द हरे मुरारे। हे नाथ नारायण वासुदेवाय।।' या किसी अन्य भगवान विष्णु के मंत्र का जाप करना चाहिए।
- इस दिन भगवान कृष्ण और नारायण को तुलसी पत्र के साथ ही भोग लगाएं।
- इस शुभ मौके पर श्री हरि की कृपा प्राप्ति के लिए कमल का फूल उन्हें जरूर चढ़ाएं।
- एकादशी व्रत से एक दिन पहले सिर धो लें, क्योंकि इस तिथि पर बाल नहीं धोना चाहिए।
- इस शुभ तिथि पर भक्तों के लिए दिन में सोना मना है, खासकर जब वे उपवास कर रहे हों।
- इस दिन झूठ बोलने और अपमानजनक भाषा का प्रयोग करने से भी बचना चाहिए।
- इस मौके पर जरूरतमंदों की मदद करनी चाहिए।
विष्णु जी पूजा मंत्र (Shattila Ekadashi 2025 Ke Mantra)
- ॐ विष्णवे नम:।।
- श्रीकृष्ण गोविन्द हरे मुरारे हे नाथ नारायण वासुदेवाय।।
- ॐ नारायणाय विद्महे वासुदेवाय धीमहि तन्नो विष्णु प्रचोदयात्।।
यह भी पढ़ें: Shattila Ekadashi 2025: षटतिला एकादशी पर करें मां तुलसी के इन मंत्रों का जाप, होगी अखंड सौभाग्य की प्राप्ति
अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।