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    Shattila Ekadashi 2025: षटतिला एकादशी पर करें मां तुलसी की खास पूजा, होगा सभी विघ्नों का नाश

    Updated: Sun, 19 Jan 2025 09:02 AM (IST)

    सनातन धर्म में षटतिला एकादशी का व्रत बेहद शुभ माना जाता है। साल में कुल 24 एकादशी तिथि पड़ती हैं। इस साल माघ माह की एकादशी 25 जनवरी को मनाई जाएगी। इस दिन भगवान विष्णु की पूजा का विधान है। ऐसा कहते हैं कि इसका उपवास (Shattila Ekadashi 2025 Daan) रखने से जीवन की सभी भय और बाधाएं दूर होती हैं।

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    Shattila Ekadashi 2025: षटतिला एकादशी पर करें ये काम।

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। षटतिला एकादशी का दिन बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है। वैदिक पंचांग के अनुसार, एकादशी हर महीने शुक्ल पक्ष और कृष्ण पक्ष के 11वें दिन मनाई जाती है। इस साल माघ माह की एकादशी 25 जनवरी को मनाई जाएगी। माना जाता है कि इस दिन (Shattila Ekadashi 2025) उपवास रखने से और विधिवत पूजा करने से विष्णु भगवान खुश होते हैं और उनकी कृपा बरसती है। इसके साथ ही जीवन के हर संकट से छुटकारा मिलता है।

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    कहा जाता है कि इस दिन भगवान विष्णु के साथ तुलसी माता की आरती भी बहुत फलदायी मानी जाती है, जो इस प्रकार है।

    ।।तुलसी माता की आरती।। (Maa Tulsi Ki Aarti)

    जय जय तुलसी माता, मैय्या जय तुलसी माता ।

    सब जग की सुख दाता, सबकी वर माता।।

    मैय्या जय तुलसी माता।।

    सब योगों से ऊपर, सब रोगों से ऊपर।

    रज से रक्ष करके, सबकी भव त्राता।

    मैय्या जय तुलसी माता।।

    बटु पुत्री है श्यामा, सूर बल्ली है ग्राम्या।

    विष्णुप्रिय जो नर तुमको सेवे, सो नर तर जाता।

    मैय्या जय तुलसी माता।।

    हरि के शीश विराजत, त्रिभुवन से हो वंदित।

    पतित जनों की तारिणी, तुम हो विख्याता।

    मैय्या जय तुलसी माता।।

    लेकर जन्म विजन में, आई दिव्य भवन में।

    मानव लोक तुम्हीं से, सुख-संपति पाता।

    मैय्या जय तुलसी माता।।

    हरि को तुम अति प्यारी, श्याम वर्ण सुकुमारी।

    प्रेम अजब है उनका, तुमसे कैसा नाता।

    हमारी विपद हरो तुम, कृपा करो माता।

    मैय्या जय तुलसी माता।।

    जय जय तुलसी माता, मैय्या जय तुलसी माता।

    सब जग की सुख दाता, सबकी वर माता॥

    मैय्या जय तुलसी माता।।

    ।।हे गोपाल कृष्ण करूँ आरती तेरी।। (Hey Gopal Krishna Karu Aarti Teri)

    हे गोपाल कृष्ण करूँ आरती तेरी,

    हे प्रिया पति मैं करू आरती तेरी,

    तुझपे ओ कान्हा बलि बलि जाऊं,

    सांझ सवेरे तेरे गुण गाउँ,

    प्रेम में रंगी मैं रंगी भक्ति में तेरी,

    हे गोपाल कृष्ण करू आरती तेरी,

    हे प्रिया पति मैं करू आरती तेरी ।

    ये माटी का कण है तेरा,

    मन और प्राण भी तेरे,

    मैं एक गोपी, तुम हो कन्हैया,

    तुम हो भगवन मेरे,

    हे गोपाल कृष्ण करूँ आरती तेरी,

    हे प्रिया पति मैं करू आरती तेरी ।

    ओ कान्हा तेरा रूप अनुपम,

    मन को हरता जाए,

    मन ये चाहे हर पल अंखिया,

    तेरा दर्शन पाये,

    दर्श तेरा, प्रेम तेरा, आस है मेरी,

    हे गोपाल कृष्ण करू आरती तेरी,

    हे प्रिया पति मैं करू आरती तेरी ।

    हे गोपाल कृष्ण करूँ आरती तेरी,

    हे प्रिया पति मैं करू आरती तेरी,

    तुझपे ओ कान्हा बलि बलि जाऊं,

    सांझ सवेरे तेरे गुण गाउँ,

    प्रेम में रंगी मैं रंगी भक्ति में तेरी,

    हे गोपाल कृष्ण करू आरती तेरी,

    हे प्रिया पति मैं करू आरती तेरी।

    यह भी पढ़ें: Shattila Ekadashi 2025 Daan: षटतिला एकादशी पर करें इन 4 चीजों का दान, होगा लाभ ही लाभ

    अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।