Shatabhisha Nakshatra: तेज स्मरण शक्ति वाले होते हैं इस नक्षत्र के जातक, जानें कैसा होता है स्वभाव
Shatabhisha Nakshatra शतभिषा नक्षत्रों में 24वां नक्षत्र है। इसका स्वामी राहु है। इसकी दशा 18 वर्ष है। साथ ही यह कुंभ राशि के अंतर्गत आता है।
Shatabhisha Nakshatra: शतभिषा, नक्षत्रों में 24वां नक्षत्र है। इसका स्वामी राहु है। इसकी दशा 18 वर्ष है। साथ ही यह कुंभ राशि के अंतर्गत आता है। इसका राशि स्वामी शनि है। राहु का प्रभाव लगभग शनि वृत ही पड़ता है। इन जातकों की स्मरण शक्ति तेज होती है। यह आपके व्यक्तित्व को और मजबूती देती है। शतभिषा नक्षत्र के जातक में सकारात्मक और नकारात्मक पहलू का संतुलित समावेश रहता है। ये जातक अपने सिद्धांतों पर अडिग रहते हैं। किसी भी कीमत पर समझौता नहीं करते हैं। जिस कार्य को आप उचित नहीं समझते वह करने के लिए आपको कोई बाध्य नहीं कर सकता।
ज्योतिषाचार्य पं. दयानंद शास्त्री के अनुसार, इस नक्षत्र के जातक सहृय होते हैं। इनका स्वभाव बेहद कोमल होता है। ये किसी की भी मदद के लिए हमेशा तैयार रहते हैं। ये किसी को हानि नहीं पहुंचाते हैं। ये बुद्धिमान होते हैं। साथ ही ईश्वर में आस्था रखते हैं। ये जातक सादे व्यक्तित्व के होते हैं लेकिन इसका व्यक्तित्व काफी आकर्षित होता है। जीवन में ये जातक खूब प्रशंसा और सम्मान पाते हैं। कार्यक्षेत्र में पूरी लग्न और मेहनत के साथ काम करते हैं। यही कारण है कि ये जातक निरंतर प्रगति के पथ पर आगे बढ़ते हैं। अच्छी शिक्षा के कारण ही ये जातक जीवन में बहुत पहले ही अपने करियर की शुरुआत कर लेते हैं। 34 वर्ष तक आप संघर्षरत रहते हैं लेकिन उसके बाद का समय बिना किसी बड़ी रुकावट के आपकी उन्नत्ति देता है।
आपका व्यवसायिक जीवन तो सुखमय होता है लेकिन आपका पारिवारिक जीवन उतना सुखपूर्वक नहीं होता है। आप अपने परिजनों के कारण जीवन में बहुत कठिनाइयां झेलते हैं। हालांकि, आपका व्यवहार उनके प्रति प्रेमपूर्वक ही रहता है। यही कारण है कि ये जातक मानसिक रूप से बेहद अशांत रहते हैं। इनका लगाव पिता से ज्यादा माता की तरफ होता है। इन जातकों का दांपत्य जीवन सुखमय नहीं होता है। जीवनसाथी से सदा मतभेद ही रहता है।
शतभिषा के जातिक कर्मपरायण एवं परोपकारी होते हैं। इन जातकों पर राहु और शनि का प्रभाव रहता है। अगर राहु का प्रभाव ठीक नहीं है तो जातक फालतू की विद्याओं में जीवन खराब कर लेता है। ये जातक बिना विचारे काम करने वाले होते हैं। इन जातकों को कृपण, परस्त्रीगामी तथा विदेश में रहने की कामना होती है। ये बेहद साहसी और मजबूत विचारों के होते हैं। हालांकि, ये कभी-कभी जिद्दी और संवेदनहीन प्रतीत होते हैं। सभी प्रकार से ज्ञानी होते हुए भी आप आत्म केन्द्रित होते हैं।
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