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    Shardiya Navratri 2025: कन्या पूजन में क्या बनाएं और खिलाएं? गलती से भी भोग में शामिल न करें ये चीजें

    Updated: Fri, 26 Sep 2025 12:43 PM (IST)

    शारदीय नवरात्र (Shardiya Navratri Kanya Pujan Bhog) में अष्टमी और नवमी तिथि को कन्या पूजन का विधान है। कन्या पूजन में कन्याओं को देवी दुर्गा का स्वरूप मानकर पूजा की जाती है और उनका आदर किया जाता है। वहीं इस दिव्य अनुष्ठान को लेकर कई सारे नियम बनाए गए हैं तो आइए उन्हें जानते हैं।

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    Navratri Kanya Pujan Bhog 2025: कन्या पूजन के प्रसाद।

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। Navratri Kanya Pujan Bhog 2025: शारदीय नवरात्र में अष्टमी और नवमी तिथि को कन्या पूजन करने का विधान है, जिसे कंजक के नाम से भी जाना जाता है। इन छोटी कन्याओं को देवी दुर्गा का स्वरूप मानकर उनकी पूजा की जाती है और उन्हें भोजन कराया जाता है। शास्त्रों में माना गया है कि कन्या पूजन के बिना नौ दिनों का व्रत अधूरा रहता है, तो आइए यहां कन्या पूजन में किन बातों का ध्यान देना चाहिए? इस आर्टिकल में जानते हैं।

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    कन्या पूजन की थाली में क्या-क्या शामिल करें?

    • हलवा - यह प्रसाद का मुख्य हिस्सा है। सूजी का हलवा शुद्ध देसी घी में बनाकर माता को भोग लगाएं और फिर कन्याओं को खिलाएं।
    • पूरी - सादी, ताजी और फूली हुई पूरी भोजन में शामिल करें। कुछ क्षेत्रों में मीठी पूड़ी बनाने की भी परंपरा है।
    • काले चने - काले चने का प्रसाद कन्या भोज में जरूरी माने जाते हैं। इन्हें बिना प्याज-लहसुन के पकाया जाना चाहिए।
    • खीर - कुछ साधक हलवे के साथ या उसके स्थान पर चावल की खीर बनाते हैं। यह भी माता रानी के प्रिय पकवानों में से एक है।
    • ताजे फल और मिठाई - भोजन के बाद कन्याओं को केला, सेब या अन्य मौसमी फल व मिठाई दें।

    गलती से भी भोग में शामिल न करें ये चीजें

    कन्या पूजन का भोजन पूर्ण रूप से सात्विक होना चाहिए, जिसका मतलब है कि उसमें तामसिक चीजें जरा सी भी शामिल नहीं होनी चाहिए। ऐसे में भोग में प्याज और लहसुन, मांस, अंडा, बासी भोजन, बाजार की चीजें और खट्टी चीजें आदि शामिल न करें। ऐसी मान्यता है कि इससे माता रानी रुष्ट हो सकती हैं।

    ऐसे करें कन्याओं को विदा

    कभी भी कन्याओं को अपने घर से खाली हाथ नहीं जाने देना चाहिए। घर से कन्याओं को विदा करने से पहले उनके पैर छूएं और फिर उनका आशीर्वाद लें। इसके बाद देवी दुर्गा का ध्यान करें और उनका ध्यान करते हुए सम्मानपूर्वक कन्याओं को विदा करें। कन्याओं को विदा करने के तुरंत बाद घर की साफ-सफाई भूलकर न करें।

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    अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।