Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    Shardiya Navratri 2025: शारदीय नवरात्र के चौथे दिन करें ये आरती, मां कूष्मांडा बरसाएंगी कृपा

    Updated: Fri, 26 Sep 2025 06:20 AM (IST)

    शारदीय नवरात्र (Shardiya Navratri 2025) के चौथे दिन मां कूष्मांडा की पूजा का विधान है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इस दिन सच्चे मन से देवी की उपासना करने से सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं और माता रानी की विशेष कृपा प्राप्त होती है तो आइए यहां देवी की आरती करते हैं।

    Hero Image
    Shardiya Navratri 2025: शारदीय नवरात्र की आरती।

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। Shardiya Navratri 2025: शारदीय नवरात्र का चौथा दिन मां कूष्मांडा को समर्पित है, जो देवी दुर्गा का चौथा स्वरूप हैं। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस दिन देवी की उपासना सच्चे दिल से करने से माता रानी की विशेष कृपा मिलती है। साथ ही सभी इच्छाएं पूर्ण होती हैं। ऐसे में इस दिन (Shardiya Navratri 2025) सुबह जल्दी उठें और स्नान करें।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    देवी के सामने घी का दीपक जलाएं। उन्हें फल, मिठाई और फूल चढ़ाएं। फिर देवी की भव्य आरती करें, जो इस प्रकार हैं -

    ।।मां दुर्गा की आरती।।

    जय अम्बे गौरी, मैया जय श्यामा गौरी।

    तुमको निशदिन ध्यावत, हरि ब्रह्मा शिव री।।

    जय अम्बे गौरी,...।

    मांग सिंदूर बिराजत, टीको मृगमद को।

    उज्ज्वल से दोउ नैना, चंद्रबदन नीको।।

    जय अम्बे गौरी,...।

    कनक समान कलेवर, रक्ताम्बर राजै।

    रक्तपुष्प गल माला, कंठन पर साजै।।

    जय अम्बे गौरी,...।

    केहरि वाहन राजत, खड्ग खप्परधारी।

    सुर-नर मुनिजन सेवत, तिनके दुःखहारी।।

    जय अम्बे गौरी,...।

    कानन कुण्डल शोभित, नासाग्रे मोती।

    कोटिक चंद्र दिवाकर, राजत समज्योति।।

    जय अम्बे गौरी,...।

    शुम्भ निशुम्भ बिडारे, महिषासुर घाती।

    धूम्र विलोचन नैना, निशिदिन मदमाती।।

    जय अम्बे गौरी,...।

    चण्ड-मुण्ड संहारे, शौणित बीज हरे।

    मधु कैटभ दोउ मारे, सुर भयहीन करे।।

    जय अम्बे गौरी,...।

    ब्रह्माणी, रुद्राणी, तुम कमला रानी।

    आगम निगम बखानी, तुम शिव पटरानी।।

    जय अम्बे गौरी,...।

    चौंसठ योगिनि मंगल गावैं, नृत्य करत भैरू।

    बाजत ताल मृदंगा, अरू बाजत डमरू।।

    जय अम्बे गौरी,...।

    तुम ही जग की माता, तुम ही हो भरता।

    भक्तन की दुःख हरता, सुख सम्पत्ति करता।।

    जय अम्बे गौरी,...।

    भुजा चार अति शोभित, खड्ग खप्परधारी।

    मनवांछित फल पावत, सेवत नर नारी।।

    जय अम्बे गौरी,...।

    कंचन थाल विराजत, अगर कपूर बाती।

    श्री मालकेतु में राजत, कोटि रतन ज्योति।।

    जय अम्बे गौरी,...।

    अम्बेजी की आरती जो कोई नर गावै।

    कहत शिवानंद स्वामी, सुख-सम्पत्ति पावै।।

    जय अम्बे गौरी,...।

    मां कूष्मांडा की आरती ( Maa Kushmanda Aarti)

    कूष्मांडा जय जग सुखदानी।

    मुझ पर दया करो महारानी॥

    पिगंला ज्वालामुखी निराली।

    शाकंबरी मां भोली भाली॥

    लाखों नाम निराले तेरे।

    भक्त कई मतवाले तेरे॥

    भीमा पर्वत पर है डेरा।

    स्वीकारो प्रणाम ये मेरा॥

    सबकी सुनती हो जगदम्बे।

    सुख पहुंचती हो मां अम्बे॥

    तेरे दर्शन का मैं प्यासा।

    पूर्ण कर दो मेरी आशा॥

    मां के मन में ममता भारी।

    क्यों ना सुनेगी अरज हमारी॥

    तेरे दर पर किया है डेरा।

    दूर करो मां संकट मेरा॥

    मेरे कारज पूरे कर दो।

    मेरे तुम भंडारे भर दो॥

    तेरा दास तुझे ही ध्याए।

    भक्त तेरे दर शीश झुकाए॥

    यह भी पढ़ें: Shardiya Navratri की अष्टमी और नवमी तिथि पर यहां जलाएं दीपक, मिलेगी देवी मां की कृपा

    यह भी पढ़ें: Vinayak Chaturthi 2025: विनायक चतुर्थी पर पढ़ें ये पावन कथा, सभी दुख होंगे दूर

    अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।