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    Shardiya Navratri 2024: इस वजह से सप्तमी के दिन मां दुर्गा की खोली जाती हैं आंखें, जानें इसका रहस्य

    Updated: Wed, 09 Oct 2024 04:30 PM (IST)

    शारदीय नवरात्र पर देवी दुर्गा के 9 अवतारों की पूजा होती है। मान्यताओं के अनुसार इस पावन समय में (Shardiya Navratri 2024 Date) भक्त व्रत रखते हैं और देवी की खास पूजा-अर्चना करते हैं। इससे उनकी कृपा मिलती है। इसके साथ ही परिवार में शुभता आती है तो आइए इससे जुड़ी प्रमुख बातों को जानते हैं जो इस प्रकार हैं।

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    Shardiya Navratri 2024: सप्तमी के दिन मां दुर्गा की आंखें क्यों खोली जाती हैं?

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। शारदीय नवरात्र का शुभ पर्व अपने समापन की ओर बढ़ रहा है। यह नौ दिवसीय त्योहार हर साल धूमधाम और पूर्ण भक्ति के साथ मनाया जाता है। इस दौरान भक्त मां दुर्गा और उनके नौ अवतारों की पूजा करते हैं। नवरात्र का सातवां दिन मां काली को समर्पित है और इसी दिन (Shardiya Navratri 2024 Day 7) मां काली की पूजा का विधान है। वहीं, इस दिन पंडालों में मां दुर्गा की आंखें भी खोली जाती हैं, तो आइए इसके पीछे का कारण जानते हैं, जो इस प्रकार हैं।

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    सप्तमी के दिन मां दुर्गा की आंखें क्यों खोली जाती हैं?

    नवरात्र की सप्तमी में दुर्गा माता की आंखें खोली जाती हैं, इसके पीछे कई कारण और मान्यताएं हैं। दरअसल, ऐसा कहा जाता है कि इस तिथि पर जगदंबा ने महिषासुर नामक असुर का वध किया था, जिस वजह से इस दिन उनकी आंखें खोलकर विधिवत पूजा की जाती है और उनके प्रति आभार व्यक्ति किया जाता है। ऐसा माना जाता है कि आंख खोलने की परंपरा के बाद मां पूर्ण रूप से जाग्रत हो जाती हैं और समस्त जगत में अपनी शक्ति के द्वारा नकारात्मक ऊर्जा को दूर करती हैं।

    इसके अलावा आंखें खोलने से उनकी शक्ति और शुभता का प्रसार भी होता है। यहीं नहीं, यह भक्तों की श्रद्धा को बढ़ाता है। साथ ही यह धार्मिक परंपरा इस पर्व को और भी अधिक महत्वपूर्ण बनाती है।

    मां चामुंडा को समर्पित है सप्तमी तिथि

    शारदीय नवरात्र के 7वें दिन मां दुर्गा के उग्र स्वरूप मां काली की पूजा का विधान है। देवी का रंग अंधेरी रात के समान गहरा है और खुले बाल हैं। मां गले में मुंड माला धारण करती हैं और गधे पर सवार होकर भद्रकाली अपने भक्तों को सदैव सुरक्षा प्रदान करती हैं।

    ऐसा कहा जाता है कि भले ही देवी का स्वरूप काली घटा के समान विकराल है, लेकिन उनका हृदय उतना ही निर्मल और मन शांत है।

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    अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।