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    दुर्गा सप्तशति के पाठ में इन बातों का रखें ध्यान, वरना बढ़ जाएंगी जीवन की मुश्किलें

    By Jagran NewsEdited By: Pravin Kumar
    Updated: Thu, 12 Oct 2023 03:19 PM (IST)

    Durga Saptashati Path Vidh शारदीय नवरात्रि नौ दिनों तक चलने वाला पवित्र पर्व है जिसमें मां दुर्गा के नौ रूपों की पूजा का विधान है। मान्यता है कि अगर साधक पूरे समर्पण के साथ मां दुर्गा की पूजा और दुर्गा सप्तशति का पाठ करते हैं तो उनके ऊपर मां की कृपा सदैव बनी रहती है।

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    दुर्गा सप्तशती पाठ से प्रसन्न होती हैं मां दुर्गा ।

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। Shardiya Navratri 2023: शारदीय नवरात्रि का शुभारंभ जल्द होने वाला है। सनातन धर्म में इस पर्व का अपना एक खास महत्व है। इस दौरान भक्त कठिन नियमों के साथ मां की पूजा करते हैं। यह नौ दिनों तक चलने वाला त्योहार है, जिसमें मां दुर्गा के नौ रूपों की पूजा का विधान है। मान्यता है कि अगर साधक पूरे समर्पण के साथ मां दुर्गा की पूजा और दुर्गा सप्तशति का पाठ करते हैं, तो उनके ऊपर मां की कृपा सदैव बनी रहती है।

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    ऐसे में हर किसी को व्रत के दौरान दुर्गा सप्तशती का पाठ करना चाहिए। लेकिन इस पाठ के कुछ नियम बताए गए हैं, जिन्हें ध्यान में रखना बेहद जरूरी है। तो चलिए जानते हैं-

    यह भी पढ़ें : Shardiya Navratri 2023: मां दुर्गा के नौ रूपों से जुड़े हैं ये रंग, पूजा में शामिल करने से बदलेगा आपका भाग्य

    दुर्गा सप्तशती पाठ का महत्व

    दुर्गा सप्तशती का पाठ मां दुर्गा को पूरी तरह से समर्पित है, जिसमें यह बताया गया है कि किस तरह से मां ने देवों और संसार की रक्षा के लिए भयंकर से भयंकर राक्षसों का वध किया था। दुर्गा सप्तशती की उत्पत्ति मार्कण्डेय पुराण से हुई है, जो 18 प्रमुख पुराणों में से एक है। इसकी रचना 400-600 ई. के बीच हुई थी और दुर्गा सप्तशती को सबसे शक्तिशाली ग्रंथ माना जाता है।

    इसमें 13 अध्याय हैं, जिनमें कवच, अर्गला और कीलक शामिल हैं, जो साधक इस पवित्र पाठ को करना चाहते हैं उन्हें इस बात का ध्यान अवश्य रखना चाहिए कि उन्हें सबसे पहले कवच, अर्गला और कीलक से शुरुआत करनी है, जिनके बिना पाठ अधूरा माना जाता है।

    बता दें, इस पाठ से साधक के जीवन की सारी मुश्किलों का अंत होता है। परिवार में खुशहाली आती है और घर में सदैव मां लक्ष्मी का वास होता है।

    दुर्गा सप्तशती पाठ का नियम -

    • नवरात्रि के पहले दिन से दुर्गा सप्तशती पाठ की शुरुआत करनी चाहिए।
    • पाठ करते समय लाल रंग का वस्त्र धारण करें।
    • पाठ के दौरान बातचीत न करें।
    • पाठ करते समय सफाई का विशेष ध्यान दें।
    • दुर्गा सप्तशती के 13 अध्याय को एक ही दिन में पूरा करने का विधान है। लेकिन किसी वजह से पाठ पूरा नहीं हो पाया हो, तो नौ दिनों में अपने पाठ को पूरा कर लें।
    • पाठ के दौरान ब्रम्‍हचर्य का पालन करें।
    • पाठ में जल्दबाजी न करें।
    • पाठ लय में होना चाहिए।
    • दुर्गा सप्तशती का पाठ करने वाले को मांस-मदिरा, लहसुन-प्याज का सेवन भूलकर भी नहीं करना चाहिए।

    Author - Vaishnavi Dwivedi

    डिसक्लेमर- इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/जयोतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देंश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी