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Shardiya Navratri 2022: मां दुर्गा को प्रसन्न करने के लिए नवरात्र में करें इन चमत्कारी मंत्रों का जाप

Shardiya Navratri 2022 Devi Durga Mantra नवरात्र पर्व के सभी नौ दिनों में देवी दुर्गा के नौ शक्तिशाली स्वरूप की विधि-विधान से की जाती है। देशभर में नवरात्र पर्व की गूंज अभी से सुनाई दे रही है। पढ़िए मां दुर्गा के चमत्कारी मंत्र।

By Shantanoo MishraEdited By: Published: Sat, 24 Sep 2022 12:42 PM (IST)Updated: Mon, 26 Sep 2022 10:06 AM (IST)
Shardiya Navratri 2022: मां दुर्गा को प्रसन्न करने के लिए नवरात्र में करें इन चमत्कारी मंत्रों का जाप
Shardiya Navratri 2022: नवरात्र में जरूर करें देवी दुर्गा के इन चमत्कारी मन्त्रों का जाप।

नई दिल्ली, Shardiya Navratri 2022, Devi Durga Mantra: शक्ति स्वरूप देवी दुर्गा और उनके नौ रूपों की पूजा सोमवार के साथ आरंभ हो चुकी है। आज के दिन से शुरू हुआ ये पर्व 4 अक्टूबर को नवमी तिथि के साथ समाप्त होगा। इन नौ दिनों में मां दुर्गा की विधिवत पूजा करने का विधान है। माना जाता है कि नवरात्र के दिनों में मां की आराधना करने के साथ जो व्यक्ति व्रत रखता है। उसे हर कष्ट से छुटकारा मिल जाता है और सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है। इसलिए रोजाना मां दुर्गा की पूजा करने के साथ इन चमत्कारी मंत्रों का जाप करना चाहिए। इससे शुभ फलों की प्राप्ति होगी।

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शास्त्रों में यह भी बताया गया है कि संस्कृत के श्लोकों का शुद्ध और सच्चे मन से उच्चारण करने से सभी प्रकार की बाधाएं दूर हो जाती हैं और जीवन में केवल सफलता ही हाथ आती है। जानिए देवी दुर्गा के कुछ चमत्कारी मंत्र जिनका नितदिन किया जाना चाहिए जाप।

मां दुर्गा के चमत्कारी इन मंत्रों का करें जाप (Navratri 2022 Devi Durga Mantra)

*ॐ सर्वमंगल मांगल्ये शिवे सर्वार्थ साधिके ।

शरण्ये त्रयम्बके गौरी नारायणी नमोस्तुते ।।

*या देवी सर्वभूतेषु शक्तिरूपेण संस्थिता: ।

नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम: ।।

*या देवी सर्वभूतेषु बुद्धिरूपेण संस्थिता ।

नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः ।।

*ॐ जयन्ती मंगला काली भद्रकाली कपालिनी ।

दुर्गा क्षमा शिवा धात्री स्वाहा स्वधा नमोऽस्तुते ।।

*या देवी सर्वभूतेषु मातृरूपेण संस्थिता ।

नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः ।।

*या देवी सर्वभूतेषु लक्ष्मीरूपेण संस्थिता ।

नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः ।।

*या देवी सर्वभूतेषु तुष्टिरूपेण संस्थिता ।

नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः ।।

*या देवी सर्वभूतेषु दयारूपेण संस्थिता ।

नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः ।।

*या देवी सर्वभूतेषु शांतिरूपेण संस्थिता ।

नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः ।।

डिसक्लेमर

इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।


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