Shankh: शंख है पवित्रता का प्रतीक, जानें कैसे हुई इसकी उत्पत्ति?
पूजा के दौरान शंख का प्रयोग किया जाता है। कोई पूजा के दौरान कोई शंख बजाता है तो कोई घंटी बजाकर भगवान से प्रार्थना करता है। पूजा और शुभ कार्यों के दौरान शंख बजाने की परंपरा प्राचीन समय से चली आ रही है। शास्त्रों के अनुसार शंख बजाने से सुख-समृद्धि समेत कई तरह के लाभ प्राप्त होते हैं और घर में सदैव बरकत बनी रहती है।
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। Shankh Significance: सनातन धर्म में ईश्वर की कृपा प्राप्त और उन्हें प्रसन्न करने के लिए पूजा कई तरह से की जाती है। कोई पूजा के दौरान कोई शंख बजाता है, तो कोई घंटी बजाकर भगवान से प्रार्थना करता है। पूजा और शुभ कार्यों के दौरान शंख बजाने की परंपरा प्राचीन समय से चली आ रही है। शास्त्रों के अनुसार, शंख बजाने से सुख-समृद्धि समेत कई तरह के लाभ प्राप्त होते हैं और घर में सदैव बरकत बनी रहती है। शंख को आसपास के वातावरण को शुद्ध करने के साधन के रूप में देखा जाता है, जिससे यह धार्मिक कार्यों के लिए अनुकूल हो जाता है। ऐसे में आइए जानते हैं कि आखिर शंख की उत्पत्ति कैसे हुई?
यह भी पढ़ें: Pradosh Vrat 2024: कब है मार्च माह का दूसरा प्रदोष व्रत? यहां जानिए शुभ मुहूर्त और पूजा विधि
इस तरह हुई शंख की उत्पत्ति
शंख की ध्वनि पूजा-पाठ के लिए प्रेरित करती है। धार्मिक ग्रंथों के अनुसार, जिस तरह से धन की देवी मां लक्ष्मी की उत्पत्ति हुई थी। वैसे ही शंख भी सागर से उत्पन्न हुआ है। इसलिए शंख को मां लक्ष्मी का भाई कहा जाता है। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि समुद्र मंथन से निकले 14 रत्नों में शंख की गिनती होती है। पूजा-पाठ के दौरान शंख को बजाना बेहद शुभ माना जाता है, क्योंकि जगत के पालनहार भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी ने हाथों में शंख को धारण किया हुआ है।
मिलते हैं ये फायदे
- माना जाता है कि पूजा के दौरान में शंख बजाने से आसपास का वातावरण शुद्ध होता है।
- शंख की ध्वनि लोगों को पूजा-अर्चना करने के लिए प्रेरित करती है।
- धार्मिक मत है कि शंख की विधिपूर्वक पूजा करने से इंसान की मनचाही मनोकामनाएं पूरी होती हैं।
- शंख बजाने से मन में सकारात्मक विचार उत्पन्न होते हैं।
- शंख बजाने से इंसान को बीमारियों से छुटकारा मिलता है।
यह भी पढ़ें: Phulera Dooj Katha 2024: फुलेरा दूज का पर्व श्री राधा कृष्ण को है समर्पित, यहां पढ़ें इससे जुड़ी कथा
डिसक्लेमर: 'इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।'
Pic Credit- Freepik