Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    Pradosh Vrat 2024: कब है मार्च माह का दूसरा प्रदोष व्रत? यहां जानिए शुभ मुहूर्त और पूजा विधि

    प्रदोष व्रत (Pradosh Vrat 2024) शास्त्रों में बेहद शुभ माना गया है। इस दिन भक्त कठिन उपवास का पालन करते हैं और भगवान शिव की पूजा-अर्चना करते हैं। यह महत्वपूर्ण पर्व शुक्ल पक्ष और कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को मनाया जाता है। इस महीने का दूसरा प्रदोष व्रत 22 मार्च को रखा जाएगा। तो चलिए तिथि और पूजा विधि के बारे में जानते हैं -

    By Vaishnavi Dwivedi Edited By: Vaishnavi Dwivedi Updated: Mon, 11 Mar 2024 01:21 PM (IST)
    Hero Image
    Pradosh Vrat 2024: प्रदोष व्रत तिथि और समय

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। Pradosh Vrat 2024: प्रदोष व्रत हिंदू धर्म का एक पवित्र पर्व है, जो भगवान शंकर और माता पार्वती को समर्पित है। साधक भौतिक सुखों और आध्यात्मिक उन्नति के लिए इस व्रत का पालन करते हैं। बता दें, प्रदोष के दिन लोग उपवास रखते हैं और भगवान शिव की पूजा-अर्चना करते हैं। यह महत्वपूर्ण पर्व शुक्ल पक्ष और कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को मनाया जाता है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    इस माह का दूसरा प्रदोष व्रत 22 मार्च, 2024 दिन शुक्रवार को रखा जाएगा। तो आइए इसकी तिथि और पूजा नियम के बारे में विस्तार से जानते हैं -

    प्रदोष व्रत तिथि और समय

    फाल्गुन मास के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि 22 मार्च दिन शुक्रवार सुबह 08 बजकर 21 मिनट से शुरू होगी। वहीं, इसका समापन सुबह 06 बजकर 11 मिनट पर होगा। उदयातिथि को देखते हुए प्रदोष व्रत 22 मार्च को रखा जाएगा।

    शिव पूजन मंत्र

    • ''ऊँ तत्पुरुषाय विद्महे महादेवाय धीमहि, तन्नो रुद्रः प्रचोदयात्''।।
    • ''ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्। उर्वारुकमिव बन्धनान्मृत्योर्मुक्षीय माऽमृतात्''।।

    प्रदोष व्रत पूजन नियम

    साधक सुबह जल्दी उठकर स्नान करें। फिर अपने पूजा घर को अच्छी तरह से साफ कर लें। इसके बाद व्रती शिव जी के समक्ष व्रत का संकल्प लें। एक वेदी पर शिव परिवार की प्रतिमा स्थापित करें। पंचामृत से उनका स्नान करवाएं। कुमकुम और सफेद चंदन का तिलक लगाएं। देसी गाय के घी का दीया जलाएं। पूजा में बेल पत्र अवश्य शामिल करें। सफेद फूलों की माला अर्पित करें।

    खीर का भोग लगाएं। पंचाक्षरी मंत्र और महामृत्युंजय मंत्र का जाप करें। प्रदोष व्रत कथा पढ़ें या फिर सुनें। आरती से पूजा को पूर्ण करें। महादेव को प्रसन्न करने के लिए कठोर व्रत का पालन करें। व्रत में हुई गलतियों के लिए क्षमा मांगे। अगले दिन सुबह पूजा के बाद अपना व्रत खोलें।

    यह भी पढ़ें: Phulera Dooj Katha 2024: फुलेरा दूज का पर्व श्री राधा कृष्ण को है समर्पित, यहां पढ़ें इससे जुड़ी कथा

    डिसक्लेमर: 'इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।'