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    Shankh Puja Niyam: घर में शंख रखने से पहले जान लें इसके नियम, मां लक्ष्मी की बरसेगी कृपा

    Updated: Mon, 06 Jan 2025 01:06 PM (IST)

    सनातन धर्म में पूजा-पाठ के दौरान शंख बजाने का विशेष महत्व है। धार्मिक मान्यता के अनुसार शंख को धन की देवी मां लक्ष्मी का स्वरूप माना गया है। इसे पूजा के दौरान बजाने से घर में उत्पन्न नकारात्मक ऊर्जा से छुटकारा मिलता है। साथ ही घर में मां लक्ष्मी का आगमन होता है। आइए जानते हैं इससे जुड़े नियम के बारे में।

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    Shankh Puja Niyam: शंख बजाने से वातावरण होता है शुद्ध

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। सनातन धर्म में देवी-देवताओं की पूजा-अर्चना में विशेष चीजों को शामिल किया जाता है। इनमें शंख भी शामिल है। धार्मिक मान्यता के अनुसार,समुद्र मंथन के समय शंख की उत्पत्ति हुई थी। इसी वजह से शंख का पानी जगत के पालनहार भगवान विष्णु  के आशीर्वाद के समान माना जाता है। ऐसा माना जाता है कि शंख के जल को नहाने के पानी में ड़ालकर स्नान करने से व्यक्ति को तीर्थ यात्रा के फल की प्राप्ति होती है। घर में शंख को रखने के लिए नियम का पालन करना चाहिए। ऐसा न करने से व्यक्ति को जीवन में कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ता है।

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    शंख से जुड़े नियम (Shankh Rakhne Ke Niyam)

    • अगर आप शंख को घर ला रहे हैं, तो इससे पहले शंख (Vastu Tips For Shankh) से जुड़े नियम के बारे में जानकारी का होना बेहद जरूरी होता है।  
    • शंख (Shankh Rakhne Ka Sahi Tarika) को जमीन पर भूलकर भी नहीं रखना चाहिए। इसको रखने के लिए साफ कपड़े का इस्तेमाल करना चाहिए।
    • मंदिर में शंख को रखते समय एक बात का खास ध्यान रखें कि शंख का खुला भाग ऊपर की तरफ होना चाहिए।
    • मंदिर में शंख को रखने से पहले गंगाजल का छिड़काव कर शुद्ध करें।  
    • शंख को हमेशा लाल रंग के कपड़े में लपेटकर तांबे या पितल की प्लेट में ही रखना चाहिए।मान्यता है कि इन नियम का पालन करने से जातक को मां लक्ष्मी की कृपा प्राप्त होती है।

    Pic Credit - Freepik

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    शंख बजाने के धार्मिक फायदे (Shankh bajane ke fayde )

    • पौराणिक मान्यता के अनुसार, भगवान शिव की पूजा के दौरान शंख का प्रयोग नहीं करना चाहिए। वहीं, भगवान विष्णु की उपासना में शंख को बजाना अधिक शुभ माना गया है।  
    • पूजा के समय शंख बजाने से घर और मंदिर का वातावरण शुद्ध होता है
    • नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है और सकारात्मक ऊर्जा का आगमन होता है।  
    • शंख की आवाज लोगों को पूजा-पाठ के लिए प्रेरित करती है।
    • मन में सकारात्मक विचार उत्पन्न होते हैं।
    • तनाव की समस्या से छुटकारा मिलता है और स्मरण शक्ति बढ़ती है।
    • मन को शांति प्राप्त होती है।  

     

    कहां रखें शंख

    शास्त्रों में शंख रखने के नियम के बारे में भी बताय गया है। मंदिर में शंख को श्रीहरि की मूर्ति के दाईं तरफ रखना शुभ माना जाता है। इसके अलावा  उत्तर पूर्व या उत्तर दिशा में भी शंख को रखा जा सकता है। शंख के आसपास साफ-सफाई का खास ध्यान रखें। तभी पूजा का पूर्ण फल प्राप्त होगा।  

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    अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।