Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    Shani Jayanti 2025: वर्षों बाद सुकर्मा योग में मनाई जाएगी शनि जयंती, मिलेगा दोगुना फल

    By Pravin KumarEdited By: Pravin Kumar
    Updated: Sun, 18 May 2025 07:39 PM (IST)

    गुरुड़ पुराण में निहित है कि अमावस्या तिथि (Shani Jayanti 2025) पर पितरों का तर्पण और पिंडदान करने से पूर्वजों को मोक्ष मिलता है। साथ ही साधक पर पितरों की कृपा असीम बरसती है। इस शुभ अवसर पर भगवान विष्णु और देवों के देव महादेव की पूजा की जाती है।

    Hero Image
    Shani Jayanti 2025: शनिदेव को कैसे प्रसन्न करें?

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। Shani Jayanti 2025: वैदिक पंचांग के अनुसार, मंगलवार 27 मई को शनि जयंती है। इस शुभ अवसर पर ज्येष्ठ अमावस्या भी मनाई जाएगी। सनातन शास्त्रों में निहित है कि ज्येष्ठ अमावस्या के दिन न्याय के देवता शनिदेव का अवतरण हुआ है। इसके लिए हर साल ज्येष्ठ अमावस्या पर शनि जयंती मनाई जाती है। इस शुभ तिथि पर न्याय के देवता शनिदेव की पूजा की जाती है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    ज्योतिषियों की मानें तो ज्येष्ठ अमावस्या पर सुकर्मा योग समेत कई मंगलकारी संयोग बन रहे हैं। इन योग में शनिदेव की पूजा करने से साधक को करियर और कारोबार में मनमुताबिक सफलता मिलेगी। आइए, शनि जयंती की सही डेट (Shani Jayanti 2025 Kab Hai), शुभ मुहूर्त एवं योग जानते हैं-

    यह भी पढ़ें: शनि जयंती कब है? नोट करें सही डेट एवं शुभ मुहूर्त

    शनि जयंती शुभ मुहूर्त (Shani Jayanti Shubh Muhurat)

    ज्येष्ठ अमावस्या तिथि 26 मई को दोपहर 12 बजकर 11 मिनट पर शुरू होगी। वहीं,  27 मई को सुबह 08 बजकर 31 मिनट पर ज्येष्ठ अमावस्या का समापन होगा। उदया तिथि अनुसार, ज्येष्ठ अमावस्या मंगलवार 27 मई को मनाई जाएगी।

    सुकर्मा योग

    ज्येष्ठ अमावस्या के दिन मंगलकारी सुकर्मा योग का संयोग बन रहा है। इस योग का समापन रात 10 बजकर 54 मिनट तक है। ज्योतिष सुकर्मा योग को शुभ मानते हैं। इस योग में भगवान शिव और शनिदेव की पूजा करने से हर एक मनोकामना पूरी होगी।

    सर्वार्थ सिद्धि योग

    शनि जयंती के दिन सर्वार्थ सिद्धि योग का संयोग है। ज्येष्ठ अमावस्या के दिन सर्वार्थ सिद्धि योग सुबह 05 बजकर 25 मिनट से लेकर 05 बजकर 32 मिनट तक है। इस योग में पूजा-भक्ति करने से साधक को सभी कष्टों से मुक्ति मिलेगी।

    शिववास योग

    ज्योतिष शिववास योग को बेहद शुभ मानते हैं। शनि जयंती के दिन शिववास योग सुबह 08 बजकर 31 मिनट तक है। इस दौरान कैलाश पर मां गौरी के साथ रहेंगे। इन योग में महादेव की पूजा करने से साधक को मनचाहा वरदान मिलेगा।

    पंचांग

    • सूर्योदय - सुबह 05 बजकर 23 मिनट पर
    • सूर्यास्त - शाम 07 बजकर 12 मिनट पर
    • चंद्रास्त- शाम 07 बजकर 49 मिनट पर
    • ब्रह्म मुहूर्त - सुबह 04 बजकर 03 मिनट से 04 बजकर 44 मिनट तक
    • विजय मुहूर्त - दोपहर 02 बजकर 36 मिनट से 03 बजकर 31 मिनट तक
    • गोधूलि मुहूर्त - शाम 07 बजकर 11 मिनट से 07 बजकर 31 मिनट तक
    • निशिता मुहूर्त - रात्रि 11 बजकर 58 मिनट से 12 बजकर 39 मिनट तक

    यह भी पढ़ें: शनि अमावस्या की रात को करें ये उपाय, सभी संकट जल्द होंगे दूर

    अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।