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    Shani Jayanti 2025: शनि जयंती कब है? नोट करें सही डेट एवं शुभ मुहूर्त

    ज्योतिष शास्त्र में शनिदेव (Shani Jayanti 2025) को कर्मफल दाता कहा जाता है। शनिदेव की पूजा करने से साधक की हर मनोकामना पूरी होती है। साथ ही करियर और कारोबार में मनमुताबिक सफलता मिलती है। शनि जयंती पर न्याय के देवता की भक्ति भाव से पूजा की जाती है। साथ ही दान-पुण्य किया जाता है। इस शुभ अवसर पर मंदिरों में शनिदेव की विशेष पूजा की जाती है।

    By Pravin KumarEdited By: Pravin KumarUpdated: Tue, 01 Apr 2025 02:16 PM (IST)
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    Shani Jayanti 2025: शनिदेव को कैसे प्रसन्न करें?

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। Shani Jayanti 2025: हर साल ज्येष्ठ माह की अमावस्या तिथि पर शनि जयंती मनाई जाती है। इस दिन न्याय के देवता शनिदेव की पूजा की जाती है। साथ ही मनचाहा वरदान पाने के लिए शनिदेव के निमित्त व्रत रखा जाता है। दक्षिण भारत में यह पर्व वैशाख अमावस्या तिथि पर मनाया जाता है।

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    सनातन शास्त्रों में निहित है कि ज्येष्ठ माह की अमावस्या तिथि पर सूर्य देव के पुत्र शनिदेव का जन्म हुआ है। इस शुभ अवसर पर हर साल ज्येष्ठ महीने में शनि जयंती मनाई जाती है। शनिदेव की पूजा-भक्ति करने से साधक को सभी क्षेत्रों में सफलता मिलती है। साथ ही आर्थिक तंगी से भी मुक्ति मिलती है। आइए, शनि जयंती की सही डेट (Shani Jayanti 2025 Kab Hai), शुभ मुहूर्त एवं योग जानते हैं-

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    शनि जयंती शुभ मुहूर्त (Shani Jayanti Shubh Muhurat)

    वैदिक पंचांग के अनुसार, ज्येष्ठ माह की अमावस्या तिथि 26 मई को दोपहर 12 बजकर 11 मिनट पर शुरू होगी और अगले दिन 27 मई को सुबह 08 बजकर 31 मिनट पर समाप्त होगी। उदया तिथि के अनुसार, 27 मई को शनि जयंती मनाई जाएगी।

    शनि जयंती शुभ मुहूर्त (Shani Jayanti Shubh Yoga)

    ज्येष्ठ अमावस्या तिथि पर सुकर्मा योग का निर्माण हो रहा है। इस योग का निर्माण रात्रि 10 बजकर 54 मिनट तक हो रहा है। इसके साथ ही सर्वार्थ सिद्धि योग का भी संयोग है। सर्वार्थ सिद्धि योग सुबह 05 बजकर 25 मिनट से लेकर 05 बजकर 32 मिनट तक है।  इसके अलावा, शनि जयंती पर शिववास योग भी है। शिववास के दौरान भगवान सुबह 08 बजकर 31 मिनट तक कैलाश पर मां गौरी के साथ रहेंगे।

    पंचांग

    • सूर्योदय - सुबह 05 बजकर 23 मिनट पर
    • सूर्यास्त - शाम 07 बजकर 12 मिनट पर
    • चंद्रास्त- शाम 07 बजकर 49 मिनट पर
    • ब्रह्म मुहूर्त - सुबह 04 बजकर 03 मिनट से 04 बजकर 44 मिनट तक
    • विजय मुहूर्त - दोपहर 02 बजकर 36 मिनट से 03 बजकर 31 मिनट तक
    • गोधूलि मुहूर्त - शाम 07 बजकर 11 मिनट से 07 बजकर 31 मिनट तक
    • निशिता मुहूर्त - रात्रि 11 बजकर 58 मिनट से 12 बजकर 39 मिनट तक

    शनि मंत्र 

    1. ऊँ शं शनैश्चाराय नमः।

    2. ऊँ प्रां प्रीं प्रौं सः शनये नमः।

    3. ॐ नीलाजंन समाभासं रविपुत्रं यमाग्रजम्।

    छाया मार्तण्ड सम्भूतं तं नमामि शनैश्चरम्।।

    4. अपराधसहस्त्राणि क्रियन्तेहर्निशं मया।

    दासोयमिति मां मत्वा क्षमस्व परमेश्वर।।

    गतं पापं गतं दु: खं गतं दारिद्रय मेव च।

    आगता: सुख-संपत्ति पुण्योहं तव दर्शनात्।।

    5. ऊँ श्रां श्रीं श्रूं शनैश्चाराय नमः।

    ऊँ हलृशं शनिदेवाय नमः।

    ऊँ एं हलृ श्रीं शनैश्चाराय नमः।

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    अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।