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    Shani Dev Puja: शनि प्रकोप से बचने के लिए करें ये काम, जल्द होगा लाभ

    Updated: Sat, 08 Jun 2024 07:00 AM (IST)

    भगवान शनि कर्मों के आधार पर अपने भक्तों को फल प्रदान करते हैं यही वजह है कि वे न्यायप्रधान देवता भी कहलाते हैं। ऐसे में अगर आप चाहते हैं कि आपके जीवन में सुख और शांति दोनों बनी रहे तो आपको शनिवार के दिन पीपल के वृक्ष के नीचे सरसों के तेल का दीपक जलाना चाहिए। साथ ही भाव के साथ आरती करनी चाहिए।

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    Shani Dev Puja: शनि देव की आरती और मंत्र -

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। शनि देव की पूजा बहुत शुभ मानी जाती है, जो लोग उनके प्रकोप और बुरी दृष्टि से बचना चाहते हैं, उन्हें शनिवार के उपवास के साथ अच्छे कर्म करने चाहिए। ज्योतिष शास्त्र में उन्हें क्रूर ग्रह का स्थान दिया गया है। हालांकि वे कर्मों के आधार पर लोगों को फल प्रदान करते हैं, यही वजह है कि वे न्यायप्रधान देवता भी कहलाते हैं।

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    ऐसे में अगर आप चाहते हैं कि आपके जीवन में सुख और शांति दोनों बनी रहे, तो आपको शनिवार के दिन पीपल के वृक्ष के नीचे सरसों के तेल का दीपक जलाना चाहिए। साथ ही भाव के साथ आरती करनी चाहिए। इससे न्याय के देवता (Shani Dev Puja) खुश होते हैं और अपनी कृपा बनाए रखते हैं।

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    शनि भगवान का महामंत्र

    • ॐ निलान्जन समाभासं रविपुत्रं यमाग्रजम।

      छायामार्तंड संभूतं तं नमामि शनैश्चरम॥

    शनि देव का पौराणिक मंत्र

    • ऊँ ह्रिं नीलांजनसमाभासं रविपुत्रं यमाग्रजम।

      छाया मार्तण्डसम्भूतं तं नमामि शनैश्चरम्।।

    ॥ शनि देव की आरती॥

    ''जय जय श्री शनिदेव भक्तन हितकारी।

    सूर्य पुत्र प्रभु छाया महतारी॥

    जय जय श्री शनि देव....

    श्याम अंग वक्र-दृष्टि चतुर्भुजा धारी।

    नी लाम्बर धार नाथ गज की असवारी॥

    जय जय श्री शनि देव....

    क्रीट मुकुट शीश राजित दिपत है लिलारी।

    मुक्तन की माला गले शोभित बलिहारी॥

    जय जय श्री शनि देव....

    मोदक मिष्ठान पान चढ़त हैं सुपारी।

    लोहा तिल तेल उड़द महिषी अति प्यारी॥

    जय जय श्री शनि देव....

    जय जय श्री शनि देव....

    देव दनुज ऋषि मुनि सुमिरत नर नारी।

    विश्वनाथ धरत ध्यान शरण हैं तुम्हारी॥

    जय जय श्री शनि देव भक्तन हितकारी।।

    जय जय श्री शनि देव''....

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    अस्वीकरण: ''इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है''।