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    Jyeshtha Purnima 2024: ज्येष्ठ पूर्णिमा में नहीं करने चाहिए ये कार्य, यहां जानिए इस दिन से जुड़े नियम

    Updated: Fri, 07 Jun 2024 11:56 AM (IST)

    ज्येष्ठ पूर्णिमा का दिन बेहद कल्याणकारी होता है। इस दिन लोग भगवान विष्णु की पूजा करते हैं। इस साल ज्येष्ठ मास की पूर्णिमा (Jyeshtha Purnima 2024) 22 जून को मनाई जाएगी। ऐसा माना जाता है कि जो लोग इस दिन का उपवास रखते हैं उन्हें अक्षय फलों की प्राप्ति होती है तो आइए इस तिथि से जुड़े कुछ नियमों को जानते हैं -

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    Jyeshtha Purnima 2024: ज्येष्ठ पूर्णिमा के नियम -

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। ज्येष्ठ पूर्णिमा का दिन बेहद फलदायी माना जाता है। इस दिन भगवान विष्णु की पूजा का विधान है। ऐसा कहा जाता है कि जो लोग इस शुभ दिन पर भगवान विष्णु और देवी लक्ष्मी की पूजा करते हैं उन्हें मनचाहे वर की प्राप्ति होती है। इस साल ज्येष्ठ मास की पूर्णिमा (Jyeshtha Purnima 2024) 22 जून, 2024 को मनाई जाएगी। वहीं, इस दिन को लेकर कई सारे नियम बनाए गए हैं, जिनका पालन जरूर करना चाहिए, तो आइए उन्हें जानते हैं -

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    ज्येष्ठ पूर्णिमा पर करें ये कार्य

    • श्री हरि और माता लक्ष्मी की पूजा करें।
    • इस दिन भगवान शिव की पूजा भी बेहद लाभकारी मानी गई है।
    • इस तिथि पर चंद्रमा की पूजा करने से मानसिक तनाव दूर होता है।
    • इस दिन खीर बनाकर चंद्रमा के नीचे रखकर खाना चाहिए।
    • इस दिन ब्रह्मचर्य का पालन करना चाहिए।
    • इस दिन गंगा नदी में पवित्र स्नान करना अत्यधिक शुभ माना गया है।
    • इस दिन ज्यादा से ज्यादा पूजा-पाठ करना चाहिए।
    • इस दिन चंद्रमा को अर्घ्य अवश्य देना चाहिए।

    ज्येष्ठ पूर्णिमा पर न करें ये कार्य

    • पूर्णिमा के दिन तामसिक चीजों का सेवन न करें।
    • इस दिन अपने बाल और नाखून को न काटें।
    • पूर्णिमा के दिन अपने जीवनसाथी के साथ वाद-विवाद करने से बचें।
    • इस दिन गलती से भी जुए में शामिल न हों।
    • इस दिन मां का अपमान करने से जीवन में अशुभता आती है।

    चंद्र देव अर्घ्य मंत्र

    1. गगनार्णवमाणिक्य चन्द्र दाक्षायणीपते।

    गृहाणार्घ्यं मया दत्तं गणेशप्रतिरूपक॥

    श्री हरि पंचरूप मंत्र

    2. ॐ ह्रीं कार्तविर्यार्जुनो नाम राजा बाहु सहस्त्रवान। यस्य स्मरेण मात्रेण ह्रतं नष्‍टं च लभ्यते।।

    भगवान विष्णु गायत्री मंत्र

    3. ॐ नारायणाय विद्महे। वासुदेवाय धीमहि। तन्नो विष्णु प्रचोदयात्।।

    यह भी पढ़ें: Jyeshtha Purnima 2024: ज्येष्ठ पूर्णिमा के दिन इस विधि से करें भगवान सत्यनारायण की पूजा, जानें शुभ मुहूर्त

    अस्वीकरण: ''इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है''।