Shani Amavasya 2025: शनि अमावस्या पर ग्रहण से पहले करें ये उपाय, राहु-केतु के प्रभाव से मिलेगी राहत
शनि अमावस्या (Shani Amavasya 2025) को हिंदू धर्म में काफी महत्वपूर्ण माना जाता है। इस तिथि पर शनिदेव के साथ-साथ भोलेनाथ की पूजा-अर्चना करना भी काफी शुभ माना गया है। साथ ही यह तिथि पितृ दोष और कई ग्रह दोष से राहत पाने के लिए लाभकारी मानी गई है। ऐसे में चलिए जानते हैं इस दिन के लिए कुछ उपाय।

धर्म डेस्क, नई दिल्ली। चैत्र अमावस्या शनिवार 29 मार्च को मनाई जाएगी। इसे शनि अमावस्या भी कहा जाएगा, क्योंकि यह शनिवार के दिन पड़ रही है। साथ ही इस दिन पर सूर्य ग्रहण (Shani Amavasya 2025 Grahn Upay) भी लग रहा है, जिसका समय दोपहर 02 बजकर 20 मिनट से शाम 06 बजकर 16 मिनट पर रहेगा। यह भारत में दिखाई नहीं देगा। इस दिन पर जातक ग्रहण लगने से पहले ये उपाय कर सकते हैं, जिससे राहु-केतु के प्रभाव को कम किया जा सकता है।
राहु और केतु के लिए उपाय
शनि अमावस्या के दिन शनि देव की विधिवत रूप से पूजा-अर्चना करें और उन्हें तेल, काले तिल और शमी के फूल अर्पित करें। साथ ही सरसों के तेल का दीपक जलाएं। ऐसा करने से आपको राहु और केतु के राहत मिल सकती है। इसी के साथ पीपल या शमी के पेड़ के समक्ष सरसों के तेल का दीपक भी जलाएं।
करें इन चीजों का दान
राहु और केतु के दुष्प्रभाव से मुक्ति पाने के लिए आप शनि अमावस्या के दिन काले तिल, काले रंग के वस्त्र, काला कंबल और उड़द का दान कर सकते हैं। इसी के साथ इस दिन पर सप्तधान्य का दान कर लाभ प्राप्त कर सकते हैं। सप्तधान्य में सात तरह के अनाज यानी धान, जौ, गेहूं, मूंग, उड़द, काकुन या कांगनी, सावां और चना शामिल होते हैं।
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करें ये काम
शनि अमावस्या के दिन ब्रह्म मुहूर्त में स्नान करने के पश्चात शिवलिंग पर अर्घ्य दें। ऐसा करने से राहु का बुरा प्रभाव आपके ऊपर नहीं पड़ता। इसी के साथ कुत्तों को रोटी खिलाएं। इससे आपको केतु से मिल रहे बुरे प्रभावों पर रोक लग सकती है।
करें ये उपाय
- "ॐ शं शनैश्चराय नमः
- राहु का बीज मंत्र - "ॐ रां राहवे नमः"
- केतु का बीज मंत्र - "ॐ कें केतवे नमः"
- राहु के लिए - ॐ भ्रां भ्रीं भ्रौं स: राहवे नम:
- केतु के लिए - ॐ स्त्रां स्त्रीं स्त्रौं स: केतवे नम:
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अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।
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