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    Shab-E-Barat 2025: 13 या 14 फरवरी, कब है शब-ए-बारात, जानें क्यों मनाते हैं ये दिन?

    Updated: Mon, 10 Feb 2025 10:43 AM (IST)

    मुस्लिम धर्म में कई त्योहार मनाए जाते हैं जिनका विशेष महत्व है। इनमें शब-ए-बारात (Shab-e-Barat 2025) का पर्व भी शामिल है। शब-ए-बारात की रात को लोग मस्जिदों में नमाज अदा करते हैं और जीवन में किए गए गुनाहों की माफी मांगते हैं। शब-ए-बारात की रात को तकदीर बदलने वाली रात के नाम से भी जाना जाता है। ऐसे में आइए जानते हैं शब-ए-बारात से जुड़ी विशेष बातें।

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    Shab-e-Barat 2025 Date: शब-ए-बारात की रात मानी जाती है बेहद अहम (Pic Credit-AI )

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। हर साल इस्लामिक कैलेंडर के आठवें महीने में शब-ए-बारात का पर्व मनाया जाता है। इस दिन लोगों में बेहद खास उत्साह देखने को मिलता है। शब-ए-बारात की रात को इबादत करने से पूरी होती है। मस्जिदों में विशेष तैयारी की जाती है। शब-ए-बारात (Shab-e-Barat 2025) की रात को मस्जिदों में बेहद खास नजारा देखने को मिलता है। इस बार लोग शब-ए-बारात की डेट को लेकर अधिक कन्फ्यूज हो रहे है, तो ऐसे में चलिए जानते हैं कि शब-ए-बारात की सही तारीख और इस पर्व से जुड़ी महत्वपूर्ण बातों के बारे में।  

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    (Pic Credit-AI )

    कब है शब-ए-बारात?

    इस्लामिक कैलेंडर का 8वां महीना शाबान होता है। इस महीने की 14वीं और 15वीं रात को शब-ए-बारात का पर्व मनाया जाता है। इस बार शब-ए-बारात की रात (Kab Hai Shab-e-Barat 2025) 13 फरवरी से 14 फरवरी तक रहेगी। इस बार 13 फरवरी शब-ए-बारात का पर्व मनाया जाएगा।

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    शब-ए-बरात की रात को इबादत करने की परंपरा निभाई जाती है। इस दिन मस्जिदों में लोग नमाज पढ़ते हैं और अपने गुनाहों की माफी अल्लाह से मांगते हैं। इसके अलावा क्षमता अनुसार गरीब लोगों और जरूरतमंदों को विशेष चीजों का दान किया जाता है, जिससे व्यक्ति को अल्लाह की रहमत प्राप्त हो सके।

    (Pic Credit-AI )

    कैसे मनाया जाता है ये दिन?

    इस दिन घर और मस्जिदों में खास सजावट की जाती है। शब-ए-बरात के दिन जगह-जगह पर धार्मिक जलसों का आयोजन किया जाता है, जिसमें अधिक संख्या में लोग शामिल होते हैं। इसके अलावा लोग कई तरह के पकवान बनाते हैं और सुंदर वस्त्र पहनते हैं। शब-ए-बरात के दिन लोग अपने पूर्वजों की कब्र पर जाते हैं और उनके लिए दुआ पढ़ते हैं।  

    (Pic Credit-AI )

    शब-ए-बारात के दिन क्या करें?

    • इस दिन लोगों में दान जरूर करना चाहिए।    
    • शब-ए-बारात की रात में अपने पूर्वजों की कब्र पर जाकर उनके लिए विशेष प्रार्थनाएं की जाती हैं। कब्र पर अगरबत्ती जलाते हैं और फूल चढ़ाते हैं।  
    • नमाज के दौरान जीवन में किए गए गुनाहों की माफी मांगते हैं।
    • इस दिन रोजा रखने की परंपरा है।  
    • इसके अलावा इबादत के दौरान जीवन में कभी भी किसी गलत काम को न करने का वादा करते हैं।  

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    अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है