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    Sawan 3rd Somwar 2023: सावन के तीसरे सोमवार पर हो रहा है अत्यंत शुभ संयोग का निर्माण, जानिए पूजा समय और विधि

    By Shantanoo MishraEdited By: Shantanoo Mishra
    Updated: Mon, 24 Jul 2023 12:34 PM (IST)

    Sawan Somwar 2023 धार्मिक मान्यता है कि सृष्टि के रचयिता भगवान शिव की पूजा-अर्चना करने से साधक की सभी मनोकामनाएं शीघ्र पूर्ण होती हैं। साथ ही घर में स ...और पढ़ें

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    Sawan 3rd Somwar 2023: सावन पर इस शुभ मुहूर्त में करें भगवान शिव की उपासना।

    नई दिल्ली, अध्यात्म डेस्क । Sawan 3rd Somwar 2023: आज सावन महीने का तीसरा सोमवार है। इस वर्ष अधिकमास पड़ने के चलते यह पुरुषोत्तम मास का पहला सोमवार है। इस विशेष मौके पर शिव भक्त श्रद्धा भाव से आराध्य भगवान शिव का जलाभिषेक कर पूजा-अर्चना कर रहे हैं। साथ ही उनके निमित्त व्रत-उपवास भी रख रहे हैं। शिव पुराण में भगवान शिव की पूजा-उपासना के बारे में विस्तार से वर्णन है। धार्मिक मान्यता है कि सृष्टि के रचयिता भगवान शिव की पूजा-अर्चना करने से साधक की सभी मनोकामनाएं शीघ्र पूर्ण होती हैं। अगर आप भी देवों के देव महादेव को प्रसन्न करना चाहते हैं, तो सावन के तीसरे सोमवार पर इस विधि से भगवान शिव की पूजा करें। आइए, पूजा विधि जानते हैं-

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    तृतीय सावन सोमवार 2023 शुभ मुहूर्त

    हिंदू पंचांग के अनुसार, श्रावण मास का तीसरा सोमवार व्रत श्रावण (अधिक) शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि पर रखा जा रहा है। इस विशेष दिन पर तीन अत्यंत शुभ योग का निर्माण हो रहा है। इस विशेष दिन पर शिव योग, रवि योग और हस्त नक्षत्र का निर्माण हो रहा है। बता दें कि शिव योग दोपहर 02 बजकर 52 मिनट तक है।वहीं, रवि योग सुबह 05 बजकर 38 मिनट से रात्रि 10 बजकर 12 मिनट तक है। इस दिन हस्त नक्षत्र रात्रि 10 बजकर 12 मिनट तक रहेगा। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, दिए गए इन शुभ मुहूर्त में भगवान शिव की उपासना करने से साधक को विशेष लाभ प्राप्त होता है।

    तृतीय सावन सोमवार 2023 पर इस विधि से करें भगवान शिव की उपासना

    सावन मास के तीसरे सोमवार के दिन साधक सुबह जल्दी उठकर स्नान ध्यान करें और साफ वस्त्र धारण करें। इसके बाद गंगाजल से मंदिर को सिक्त करें। ऐसा करने के बाद शिवालय में भगवान शिव पर गंगाजल, दूध, पंचामृत, बेलपत्र चंदन, अक्षत इत्यादि अर्पित करें। इसके बाद भगवान शिव को पंच फल और मिठाई अर्पित करें। इस दिन शिव चालीसा का पाठ करें और अंत में शिवजी की आरती के साथ पूजा संपन्न करें। जल अर्पित करते समय महामृत्युंजय मंत्र का जाप जरूर करें।

    लघु रुद्राभिषेक मंत्र

    ॐ सर्वदेवेभ्यो नम :

    ॐ नमो भवाय शर्वाय रुद्राय वरदाय च।

    पशुनां पतये नित्यं उग्राय च कपर्दिने।।

    महादेवाय भीमाय त्र्यंबकाय शिवाय च।

    इशानाय मखन्घाय नमस्ते मखघाति ने।।

    कुमार गुरवे नित्यं नील ग्रीवाय वेधसे।

    पिनाकिने हविष्याय सत्याय विभवे सदा।

    विलोहिताय धूम्राय व्याधिने नपराजिते।।

    नित्यं नील शीखंडाय शूलिने दिव्य चक्षुषे।

    हन्त्रे गोप्त्रे त्रिनेत्राय व्याधाय च सुरेतसे।।

    अचिंत्यायाम्बिकाभर्त्रे सर्व देवस्तुताय च।

    वृषभध्वजाय मुंडाय जटिने ब्रह्मचारिणे।।

    तप्यमानाय सलिले ब्रह्मण्यायाजिताय च।

    विश्र्वात्मने विश्र्वसृजे विश्र्वमावृत्य तिष्टते।।

    नमो नमस्ते सत्याय भूतानां प्रभवे नमः।

    पंचवक्त्राय शर्वाय शंकाराय शिवाय च।।

    नमोस्तु वाचस्पतये प्रजानां पतये नमः।

    नमो विश्र्वस्य पतये महतां पतये नमः।।

    नमः सहस्त्र शीर्षाय सहस्त्र भुज मन्यथे।

    सहस्त्र नेत्र पादाय नमो संख्येय कर्मणे।।

    नमो हिरण्य वर्णाय हिरण्य क्वचाय च।

    भक्तानुकंपिने नित्यं सिध्यतां नो वरः प्रभो।।

    एवं स्तुत्वा महादेवं वासुदेवः सहार्जुनः।

    प्रसादयामास भवं तदा शस्त्रोप लब्धये।।

    डिसक्लेमर: इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।

    अक्सर पूछे जाने वाले सवाल

    24 जुलाई 2023 के दिन सावन का तीसरा सोमवार व्रत रखा जाएगा। यह अधिक मास का पहला सोमवार व्रत होगा।

    शास्त्रों में यह वर्णित है कि भगवान शिव को सावन का महीना सर्वाधिक प्रिय है। यही कारण है कि इस पवित्र माह में महादेव की विधिवत पूजा करने से साधकों को विशेष लाभ प्राप्त होता है।