Sawan Pradosh Vrat 2023: पुरुषोत्तम मास में कब रखा जाएगा सावन का दूसरा प्रदोष व्रत? जानिए तिथि और महत्व
Sawan Pradosh Vrat 2023 हिन्दू पंचांग के अनुसार श्रावन मास में प्रदोष व्रत का विशेष महत्व है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार प्रदोष व्रत के दिन भगवान शिव ...और पढ़ें

नई दिल्ली, अध्यात्म डेस्क । Sawan Pradosh Vrat 2023 Date: पुरुषोत्तम मास में पूजा-पाठ का विशेष महत्व है। धार्मिक मान्यता है कि इस मास में देवी-देवताओं की उपासना करने से विशेष लाभ मिलता है। बता दें कि इस मास में भगवान शिव की उपासना का भी विशेष महत्व है। बता दें कि जुलाई मास के अंत में श्रावन मास का दूसरा प्रदोष व्रत रखा जाएगा। इस विशेष दिन पर भगवान शिव को जल अर्पित करने से और विधि-विधान से उनकी उपासना करने से जीवन में सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है। आइए जानते हैं, कब रखा जाएगा सावन मास का दूसरा प्रदोष व्रत, शुभ मुहूर्त और महत्व?
सावन प्रदोष व्रत 2023 कब?
हिन्दू पंचांग के अनुसार, सावन मास के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि का शुभारंभ 30 जुलाई सुबह 10 बजकर 34 मिनट पर होगा और इस तिथि का समापन 31 जुलाई को सुबह 07 बजकर 26 मिनट पर हो जाएगा। बता दें कि श्रावन द्वितीय प्रदोष व्रत 30 जुलाई 2023, रविवार के दिन रखा जाएगा। इस दिन प्रदोष काल शाम 07 बजकर 14 मिनट से रात्रि 09 बजकर 19 मिनट तक रहेगा।
रवि प्रदोष व्रत महत्व
बता दें कि रविवार के दिन पड़ने वाले प्रदोष व्रत को रवि प्रदोष व्रत के नाम से जाना जाता है। मान्यता है कि इस विशेष दिन महादेव की उपासना करने से साधक को भय, रोग एवं दोष से मुक्ति मिल जाती है। साथ ही दाम्पत्य जीवन में सुख-समृद्धि आती है। सावन प्रदोष व्रत के दिन भगवान शिव का अभिषेक करना भी बहुत ही महत्वपूर्ण माना जाता है। ऐसा करने से भगवान शिव प्रसन्न होते हैं और समस्त पापों से मुक्ति मिल जाती है।
डिसक्लेमर: इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।
अक्सर पूछे जाने वाले सवाल
श्रावन द्वितीय प्रदोष व्रत 30 जुलाई 2023, रविवार के दिन रखा जाएगा।
सावन प्रदोष व्रत पर महादेव की उपासना करने से साधक को भय, रोग एवं दोष से मुक्ति मिल जाती है।

कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।