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    Sawan 2025: सावन के पहले सोमवार पर शिववास समेत बन रहे कई संयोग, मिलेगा दोगुना फल

    Updated: Thu, 26 Jun 2025 08:54 PM (IST)

    धार्मिक मत है कि सावन सोमवार (Sawan Somvar 2025) का व्रत करने से अविवाहित जातकों की शादी जल्द हो जाती है। वहीं, विवाहित जातकों के सुख और सौभाग्य में वृद्धि होती है। इस शुभ अवसर पर भगवान शिव का जलाभिषेक किया जाता है।

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    Sawan 2025: सावन का धार्मिक महत्व

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। सावन महीने की शुरुआत शुक्रवार 11 जुलाई से हो रही है। यह महीना देवों के देव महादेव को समर्पित होता है। इस दौरान भगवान शिव और मां पार्वती की पूजा की जाती है। साथ ही सावन सोमवार पर व्रत रखा जाता है। इस व्रत की महिमा शास्त्रों में वर्णित है। इस व्रत को करने से साधक की हर मनोकामना पूरी होती है।

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    ज्योतिषियों की मानें तो सावन माह के पहले सोमवार पर आयुष्मान और सौभाग्य योग समेत कई मंगलकारी योग बन रहे हैं। इन योग में भगवान शिव की पूजा करने से साधक को स्वर्ग समान सुखों की प्राप्ति होगी। आइए, शुभ मुहूर्त एवं योग जानते हैं-

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    कब है सावन सोमवार?

    • सावन माह का पहला सोमवार 14 जुलाई को है।
    • सावन माह का दूसरा सोमवार 21 जुलाई को है।
    • सावन माह का तीसरा सोमवार 28 जुलाई को है।
    • सावन माह का चौथा सोमवार 04 अगस्त को है।

    सावन सोमवार शुभ मुहूर्त (Sawan Somvar 2025 Shubh Muhurat)

    वैदिक पंचांग के अनुसार, सावन माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि पर पहला सोमवार है। आसान शब्दों में कहें तो 14 जुलाई को देर  रात 11 बजकर 59 मिनट तक कृष्ण पक्ष की चतुर्थी है। इसके लिए सोमवार 14 जुलाई को सावन सोमवार और  संकष्टी चतुर्थी है।

    सावन सोमवार शुभ योग (Sawan Somvar 2025 Shubh Yog)

    ज्योतिषियों की मानें तो सावन माह के पहले सोमवार पर दुर्लभ आयुष्मान और सौभाग्य योग का निर्माण हो रहा है। आयुष्मान योग शाम 04 बजकर 14 मिनट तक है। इसके बाद सौभाग्य योग का संयोग बन रहा है। इसके साथ ही सावन सोमवार पर शिववास योग का भी निर्माण हो रहा है। शिववास योग रात भर है। इस दौरान भगवान शिव सबसे पहले कैलाश पर मां पार्वती के साथ रहेंगे। इसके बाद नंदी की सवारी करेंगे। इस दौरान भगवान शिव की पूजा करने से दोगुना फल मिलेगा।

    पंचांग

    • सूर्योदय - सुबह 05 बजकर 33 मिनट पर
    • सूर्यास्त - शाम 07 बजकर 21 मिनट पर
    • ब्रह्म मुहूर्त - सुबह 04 बजकर 11 मिनट से 04 बजकर 52 मिनट तक
    • विजय मुहूर्त - दोपहर 02 बजकर 45 मिनट से 03 बजकर 40 मिनट तक
    • गोधूलि मुहूर्त - शाम 07 बजकर 20 मिनट से 07 बजकर 40 मिनट तक
    • निशिता मुहूर्त - रात्रि 12 बजकर 07 मिनट से 12 बजकर 48 मिनट तक

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    अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।