Sawan Shivratri 2025: 22 या 23 जुलाई, किस दिन है सावन शिवरात्रि? यहां नोट करें शुभ मुहूर्त एवं योग
ज्योतिषियों की मानें तो सावन माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि पर कई दुर्लभ और मंगलकारी योग बन रहे हैं। इनमें हर्षण और भद्रावास प्रमुख संयोग हैं। इन योग में भक्ति भाव से भगवान शिव और मां पार्वती की पूजा करने से साधक को दोगुना फल मिलेगा। साथ ही जीवन में सुखों का आगमन होगा।

धर्म डेस्क, नई दिल्ली। सनातन धर्म में सावन शिवरात्रि का खास महत्व है। यह पर्व पूर्णतया देवों के देव महादेव को समर्पित है। इस शुभ अवसर पर देवों के देव महादेव और जगत की देवी मां पार्वती की भक्ति भाव से पूजा की जाती है। साथ ही मनचाही मुराद पाने के लिए सावन शिवरात्रि का व्रत रखा जाता है।
धार्मिक मत है कि सावन शिवरात्रि के दिन भगवान शिव और मां पार्वती की पूजा करने से साधक की हर मनोकामना पूरी होती है। साथ ही घर में सुख, समृद्धि एवं खुशहाली आती है। सावन शिवरात्रि के दिन भक्तजन देवों के देव महादेव का जलाभिषेक करते हैं।
हालांकि, सावन शिवरात्रि की तिथि को लेकर भक्तजन दुविधा में है। यह पर्व हर साल सावन माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मनाया जाता है। भगवान शिव और मां पार्वती की निशा काल में पूजा की जाती है। आइए, सावन शिवरात्रि की सही डेट एवं शुभ मुहूर्त जानते हैं-
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सावन 2025
सावन का महीना देवों के देव महादेव को अति प्रिय है। इस महीने में भगवान शिव की भक्ति भाव से पूजा की जाती है। साथ ही सावन सोमवार, सावन शिवरात्रि और त्रयोदशी तिथि पर व्रत रखा जाता है। इस व्रत को करने से साधक की हर मनोकामना पूरी होती है। साथ ही शिवजी की कृपा साधक पर बरसती है।
सावन शिवरात्रि शुभ मुहूर्त (Sawan Shivratri 2025 Shubh Muhurat)
- सावन माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि 23 जुलाई को सुबह 04 बजकर 39 मिनट पर प्रारंभ होगा।
- 24 जुलाई को देर रात 02 बजकर 28 मिनट पर सावन माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि का समापन होगा। पूजा का समय 23 जुलाई को निशा काल में 12 बजकर 07 मिनट से लेकर 12 बजकर 48 मिनट तक है।
पूजा समय
- प्रदोष काल में पूजा समय शाम 07 बजकर 17 मिनट से रात 09 बजकर 53 मिनट तक है।
- दूसरे प्रहर में पूजा समय रात 09 बजकर 53 मिनट से लेकर रात 12 बजकर 28 मिनट तक है।
- तीसरे प्रहर में पूजा समय रात 12 बजकर 28 मिनट से देर रात 03 बजकर 03 मिनट तक है।
सावन शिवरात्रि कब है?
ज्योतिषियों की मानें तो सावन माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि 23 जुलाई के दिन है। चतुर्दशी तिथि पर निशा काल में भगवान शिव की पूजा की जाती है। इसके लिए 23 जुलाई को सावन माह की शिवरात्रि मनाई जाएगी। भक्तजन 23 जुलाई के दिन व्रत रख महादेव की पूजा एवं भक्ति कर सकते हैं। वहीं, व्रत का पारण 24 जुलाई के दिन कर सकते हैं।
पंचांग
- सूर्योदय - सुबह 05 बजकर 37 मिनट पर
- सूर्यास्त - शाम 07 बजकर 17 मिनट पर
- ब्रह्म मुहूर्त - सुबह 04 बजकर 15 मिनट से 04 बजकर 56 मिनट तक
- विजय मुहूर्त - दोपहर 02 बजकर 44 मिनट से 03 बजकर 39 मिनट तक
- गोधूलि मुहूर्त - शाम 07 बजकर 17 मिनट से 07 बजकर 38 मिनट तक
- निशिता मुहूर्त - रात्रि 12 बजकर 07 मिनट से 12 बजकर 48 मिनट तक
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अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।
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