Sarva Pitru Amavasya 2025: 21 या 22 सितंबर, कब है सर्व पितृ अमावस्या? यहां जानें महत्व और तर्पण का शुभ समय
गरुड़ पुराण में वर्णित है कि आश्विन माह के कृष्ण पक्ष की प्रतिपदा तिथि (Sarva Pitru Amavasya 2025) से लेकर अमावस्या तिथि तक पितृ पृथ्वी लोक पर निवास करते हैं। वहीं सर्व पितृ अमावस्या के दिन पितृ पृथ्वी लोक से विदा होते हैं। अतः इस शुभ अवसर पर पितरों की विशेष पूजा की जाती है।

धर्म डेस्क, नई दिल्ली। सनातन धर्म में पितृ पक्ष का खास महत्व है। यह त्योहार हर साल आश्विन माह के कृष्ण पक्ष की प्रतिपदा तिथि से लेकर अमावस्या तिथि तक मनाया जाता है। इस दौरान पितरों का श्रद्धा, तर्पण और पिंडदान किया जाता है। पितरों का श्राद्ध और तर्पण करने से पूर्वजों की आत्मा को शांति मिलती है। वहीं, व्यक्ति विशेष पर पितरों की कृपा बरसती है।
पितृ पक्ष का समापन सर्व पितृ अमावस्या के दिन होता है। इस दिन पितरों का अंतिम श्राद्ध और तर्पण किया जाता है। श्राद्ध और तर्पण के बाद पितृ अपने लोक लौट जाते हैं। अतः इस दिन पितरों की विशेष पूजा की जाती है। आइए, सर्व पितृ की सही तिथि (sarva pitru Amavasya 2025 date) और तर्पण का मुहूर्त जानते हैं-
सर्व पितृ अमावस्या शुभ मुहूर्त (Sarva Pitru Amavasya Shubh Muhurat)
वैदिक पंचांग के अनुसार, 21 सितंबर को भारतीय समयानुसार देर रात 12 बजकर 16 मिनट पर आश्विन अमावस्या की शुरुआत होगी। वहीं, 22 सितंबर को देर रात 01 बजकर 23 मिनट पर आश्विन अमावस्या तिथि का समापन होगा। सनातन धर्म में उदया तिथि मान है। इसके लिए 21 सितंबर को सर्व पितृ अमावस्या मनाई जाएगी।
श्राद्ध और तर्पण का समय
- कुतुप मूहूर्त - दिन में 11 बजकर 50 मिनट से लेकर दोपहर 12 बजकर 38 मिनट तक
- रौहिण मूहूर्त - दोपहर 12 बजकर 38 मिनट से लेकर दोपहर 01 बजकर 27 मिनट तक
- दोपहर बेला - दोपहर 01 बजकर 27 मिनट से लेकर 03 बजकर 53 मिनट तक
सर्वपितृ अमावस्या शुभ योग (Sarva Pitru Amavasya Shubh Yog)
ज्योतिषियों की मानें तो सर्व पितृ अमावस्या पर शुभ और शुक्ल योग समेत कई मंगलकारी संयोग बन रहे हैं। इसके साथ ही सर्वार्थ सिद्धि योग और शिववास योग का भी निर्माण हो रहा है। इन योग में पितरों का श्राद्ध और तर्पण करने से शुभ पू्र्वजों की कृपा प्राप्त होगी। साथ ही पूर्वजों की आत्मा को शांति मिलेगी।
पंचांग
- सूर्योदय - सुबह 06 बजकर 09 मिनट पर
- सूर्यास्त - शाम 06 बजकर 19 मिनट पर
- ब्रह्म मुहूर्त - सुबह 04 बजकर 34 मिनट से 05 बजकर 22 मिनट तक
- विजय मुहूर्त - दोपहर 02 बजकर 16 मिनट से 03 बजकर 04 मिनट तक
- गोधूलि मुहूर्त - शाम 06 बजकर 19 मिनट से 06 बजकर 43 बजे तक
- निशिता मुहूर्त - रात्रि 11 बजकर 50 मिनट से 12 बजकर 38 मिनट तक
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