Pitru Paksha 2025 Daan: पितृ पक्ष के दौरान जरूर करें इन चीजों का दान, बरसेगी पितरों की कृपा
हर साल सर्वपितृ अमावस्या के अगले दिन से शारदीय नवरात्र की शुरुआत होती है। शारदीय नवरात्र के दौरान देवी मां दुर्गा और उनके नौ रूपों की पूजा की जाती है। ...और पढ़ें

धर्म डेस्क, नई दिल्ली। वैदिक पंचांग के अनुसार, 07 सितंबर को भाद्रपद पूर्णिमा है। इसके अगले दिन यानी आश्विन माह के कृष्ण पक्ष की प्रतिपदा तिथि को पितरों को पहला तर्पण, श्राद्ध कर्म और पिंडदान किया जाएगा।
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गरुड़ पुराण में वर्णित है कि आश्विन माह के कृष्ण पक्ष की प्रतिपदा तिथि से लेकर सर्वपितृ अमावस्या तिथि तक पितृ धरती लोक पर वास करते हैं। इस दौरान पितरों का रोजाना तर्पण और पिंडदान किया जाता है। वहीं, सर्वपितृ अमावस्या के दिन अंतिम तर्पण किया जाता है।
इस दिन पितृ पुनः अपने लोक लौट जाते हैं। पितृ पक्ष के दौरान पितरों का तर्पण करने से व्यक्ति को सभी प्रकार के भौतिक कष्टों से मुक्ति मिलती है। साथ ही व्यक्ति पर पितरों की कृपा बरसती है।
अगर आप भी पितरों की कृपा पाना चाहते हैं, तो पितृ पक्ष के दौरान नियमित रूप से तर्पण करें। साथ ही पितरों को अन्न और जल प्रदान करें। वहीं, पितृ पक्ष के दौरान इन चीजों का दान अवश्य करें।
इन चीजों का दान करें
अगर आप पितरों की कृपा पाना चाहते हैं, तो पितृपक्ष के दौरान स्नान-ध्यान के बाद काले तिल मिश्रित गंगाजल से पितरों का तर्पण करें। इसके बाद शिव मंदिर में काले तिल का दान करें। इस उपाय को करने से पितरों की कृपा साधक पर बरसती है। वहीं, संध्याकाल में पितरों के निमित्त तिल के तेल का दीपक जलाएं।
अगर आप पितरों को प्रसन्न करना चाहते हैं, तो पितरों के निमित्त चावल, दाल, आलू, तेल, नमक और हरी सब्जियों का दान जरूरतमंदों के मध्य करें। इस उपाय को करने से व्यक्ति पर पितरों की कृपा अवश्य ही बरसती है।
पितरों की आत्मा को शांति के लिए पितृ पक्ष के दौरान योग्य ब्राह्मण के सानिध्य में पितरों का तर्पण करें। इसके बाद उन्हें दही, पोहा, गुड़ और मिठाई आदि चीजें भोजन कराएं। ब्राह्मणों को भोजन कराने के बाद उन्हें अपनी आर्थिक स्थिति के अनुसार दान करें।
पितरों को प्रसन्न करने के लिए पितृपक्ष के दौरान शिव और विष्णु मंदिरों में पान के पत्ते का दान करें। इस उपाय को करने से भी व्यक्ति पर पितरों की कृपा बरसती है।
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