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    Santan Saptami 2024: संतान सप्तमी पर जरूर करें ये काम, बच्चों के जीवन में नहीं आएगी कोई बाधा

    Updated: Tue, 10 Sep 2024 10:22 AM (IST)

    हिंदू पंचांग के अनुसार संतान सप्तमी का व्रत भाद्रपद माह की शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि पर किया जाता है। ऐसे में इस साल यह व्रत मंगलवार 10 सितंबर को रखा जा रहा है। ऐसे में यदि आप इस दिन कुछ विशेष उपाय करते हैं तो इससे आपकी संतान के जीवन में आ रही बाधाएं दूर हो सकती हैं। यह व्रत माता और पिता दोनों द्वारा किया जा सकता है।

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    Santan Saptami 2024 संतान सप्तमी पर जरूर करें ये काम।

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। संतान सप्तमी व्रत, जैसा कि नाम से ही ज्ञात होता है, संतान सप्तमी व्रत मुख्य रूप से संतान की लंबी आयु और सुरक्षा की कामना के लिए किया जाता है। इस विशेष दिन पर भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा-अर्चना की जाती है। इस दिन किए गए कुछ उपाय आपकी संतान (Santan Saptami 2024) की उन्नति के लिए तो कारगर हैं ही, साथ ही संतान प्राप्ति के लिए भी यह व्रत उत्तम माना गया है।

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    जीवन में नहीं आएगी बाधा (Santan Saptami 2024 Upay)

    संतान सप्तमी की पूजा में अपने बच्चे की सुरक्षा की प्रतिज्ञा के रूप में एक पवित्र धागा यानी कलावा लेकर उसे शिव को बांधें। अब पूजा पूरी होने के बाद यह धागा अपने बच्चे की कलाई पर बांध दें। ऐसा करने से संतान के जीवन में आ रही बाधाएं दूर हो सकती हैं।

    जरूर अर्पित करें ये चीजें 

    संतान सप्तमी के दिन माता पार्वती और शिव जी की पूजा करते समय उन्हें केले के पत्ते में बांधकर 07 मीठी पूड़ी बांध दें। इसके बाद संतान की सुरक्षा का कामना करते हुए यह पूड़ियां शिव जी और माता को अर्पित कर दें। ऐसा करना बहुत ही शुभ माना जाता है। पूजा समाप्त होने के बाद इन्हीं मीठी पूड़ियों से अपने व्रत का पारण करें।  

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    संतान प्राप्ति का उपाय

    जो माता-पिता संतान सुख की प्राप्ति करना चाहते हैं, उन्हें संतान सप्तमी के दिन निर्जला व्रत रखना चाहिए। इसके साथ ही भोलेनाथ को सूती डोरा अर्पित करें। इस दिन संतान सप्तमी की व्रत कथा (Santan Saptami 2024 vrat kath) का पाठ जरूर करें। अब पूजा पूरी होने के बाद इस डोरे को अपने गले में धारण करें। माना जाता है कि इस उपाय को करने से जल्द ही संतान सुख की प्राप्ति हो सकती है।

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    अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।