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    Sankashti Chaturthi 2025: अखुरथ संकष्टी पर भगवान गणेश को लगाएं ये भोग, मिलेगा सुख-शांति का आशीर्वाद

    Updated: Fri, 05 Dec 2025 06:00 PM (IST)

    अखुरथ संकष्टी चतुर्थी (Sankashti Chaturthi 2025) का व्रत 7 दिसंबर 2025 को पौष माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को रखा जाएगा। यह दिन भगवान गणेश को समर ...और पढ़ें

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    Sankashti Chaturthi 2025: अखुरथ संकष्टी भोग।

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। अखुरथ संकष्टी चतुर्थी का व्रत हर साल पौष महीने के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को रखा जाता है। यह दिन भगवान गणेश को समर्पित है, जिन्हें बुद्धि के देवता के रूप में पूजा जाता है। वैदिक पंचांग के अनुसार, इस साल अखुरथ संकष्टी चतुर्थी का व्रत 7 दिसंबर 2025 को रखा जाएगा। इस दिन (Sankashti Chaturthi 2025) व्रत रखकर भगवान गणेश की पूजा करने और उन्हें उनका प्रिय भोग लगाने से जीवन में शुभता आती है। आइए यहां जानते हैं कि भगवान गणेश को कौन-सा भोग लगाना चाहिए?

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    भगवान गणेश के प्रिय भोग

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    मोदक

    मोदक भगवान गणेश का सबसे प्रिय भोग है। ऐसे में अखुरथ संकष्टी चतुर्थी पर बेसन, चावल के आटे या आटे से बने 11 या 21 मोदक का भोग जरूर लगाएं। इसे अर्पित करते समय जीवन में खुशियां और सफलता आती है।

    बूंदी या बेसन के लड्डू

    भगवान गणेश को बूंदी व बेसन के लड्डू बहुत प्रिय है। कहा जाता इन्हें अर्पित करने से बुद्धि और ज्ञान में वृद्धि होती है। साथ ही रिश्तों में मधुरता आती है।

    केला और गुड़

    गणेश जी को केला फल और गुड़ मिठास का भोग लगाने से घर में धन और सुख-समृद्धि का वास होता है। इसके साथ ही सभी कामों में सफलता मिलती है।

    शकरकंद

    शकरकंद भूमि के नीचे उगने वाला कंद है और इसे सात्विक फलाहार में शामिल किया गया है। ऐसे में संकष्टी चतुर्थी के दिन उबली हुई या भूनकर शकरकंद का भोग लगाने से सभी विघ्न दूर होते हैं और अटके हुए काम पूरे होते हैं।

    पूजन मंत्र

    • ॐ एकदंताय विद्महे, वक्रतुण्डाय धीमहि, तन्नो दंती प्रचोदयात्॥
    • ॐ वक्रतुण्ड महाकाय सूर्य कोटि समप्रभ। निर्विघ्नं कुरु मे देव, सर्वकार्येषु सर्वदा॥

    अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।